विवादित भूमि पर 200 सागौन पेड़ों की अवैध कटाई: MRS मिनरल्स पर लगे गंभीर आरोप, जांच में जुटी वन विभाग की टीम

विवादित भूमि पर 200 सागौन पेड़ों की अवैध कटाई
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काटे गए पेड़ों की तस्वीर 

सक्ती जिले में विवादित भूमि पर एमआरएस मिनरल्स द्वारा सैकड़ों सागौन पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आया। वन विभाग ने 200 पेड़ जब्त कर जांच शुरू की गई है।

राजीव लोचन साहू- सक्ती। भारत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक तरफ 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान चलाकर लोगों को पेड़ लगाने की अपील कर रही हैं। लेकिन सक्ती जिले में खनिज कारोबार में सक्रिय एमआरएस मिनरल्स सवालों के घेरे में हैं।

दरअसल, यहां विवादित भूमि पर लगे सैकड़ों सागौन पेड़ों की खुलेआम कटाई की जा रही थी, जब सागौन पेड़ की कटाई करने की सूचना वन विभाग को मिली तब मौके पर फॉरेस्ट एसडीओ, रेंजर समेत वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पेड़ की कटाई करते हुए पकड़ा गया और वन विभाग ने लगभग 200 पेड़ को जब्त किया गया है।

भूमि किसकी है, यह जांच जारी है
बता दें कि, डूमरपारा और छीतापड़रिया जंगल में पहले से ही इस तरह से पेड़ो की कटाई करना, अवैध रूप से सड़क का निर्माण करना और खुदाई करने की शिकायतें लंबे समय से होते आ रही हैं। मामले में डीएफओ हिमांशु डोंगरे ने कहां कि, भूमि पर एमआरएस मिनरल्स और वन विभाग दोनों के बीच की विवादित भूमि है। भूमि वन विभाग की बॉडर है, फिलहाल काटे गए सागौन के लगभग 200 पेड़ को जब्त कर भूमि किसकी है, यह जांच की जा रही है।

सड़क किनारे काट डाले गए बरगद के दो पेड़
वहीं जनप्रतिनिधि बरगद जैसे विशाल फलते-फूलते वृक्ष की बिना अनुमति के ही अवैध रुप से कटाई कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला गोबरा नवापारा से लगे ग्राम पंचायत तर्री में शीतला मंदिर के पास सड़क किनारे स्थित दो वट वृक्ष (बरगद) को ग्राम पंचायत तर्री के सरपंच और शासकीय कर्मचारी द्वारा कटवाए जाने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है।

पेड़ कटाई को लेकर ग्रामीणों ने किया विरोध
बताया जा रहा है कि, पेड़ को काटकर ट्रैक्टर से ले जाया जा रहा था, जिसका विरोध ग्रामीणों ने किया। आपको बता दें कि, जब ग्राम पंचायत के पंचों ने इस अवैध कार्यवाही का विरोध किया तो पेड़ से लदी हुई गाड़ी को सरपंच पति लखन लाल सिन्हा ने वहां से भगा कर ले जाया गया और सरपंच का बचाव किया गया।

वट वृक्ष भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है- समस्त ग्रामीण
इस दौरान उपसरपंच विवेक शर्मा ने कार्य को रोकने की बात कही तो उन्हें गाली-गलौज का सामना करना पड़ा। वट वृक्ष के काटे जाने से ग्राम पंचायत के पंचगण और बड़ी संख्या में ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि, वट वृक्ष भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। यह पेड़ न केवल छाया और ऑक्सीजन प्रदान करता है बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे पवित्र वृक्ष को कटवाना न केवल पर्यावरण के खिलाफ है बल्कि आस्था पर भी चोट है।

दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश जताते हुए दोषियों पर कठोर कार्यवाही करने एसडीएम अभनपुर को ज्ञापन भी सौंपा है और कहा कि, यदि कार्यवाही नहीं हुई तो उनके द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस पूरे मामले को लेकर ग्राम पंचायत के पंचगण और ग्रामवासीयो ने स्थानीय पुलिस थाना में लिखित आवेदन देकर शिकायत भी दर्ज कराई है। ग्रामीणों की मांग है कि, प्रशासन इस घटना की गहन जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे, ताकि पुनः इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

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