जमीन पर नई गाइड लाइन: रीयल एस्टेट का कारोबार हो जाएगा चौपट, मकानों का भी बिकना मुश्किल

जमीन पर नई गाइड लाइन : रीयल एस्टेट का कारोबार हो जाएगा चौपट, मकानों का भी बिकना मुश्किल
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प्रदेश में जमीन की नई गाइडलाइन के बाद अब रीयल एस्टेट का कारोबार भी चौपट होने की स्थिति में आ गया है। रीयल एस्टेट में लंबे समय से निवेशक निवेश नहीं कर रहे हैं।

रायपुर। प्रदेश में जमीन की नई गाइडलाइन के बाद अब रीयल एस्टेट का कारोबार भी चौपट होने की स्थिति में आ गया है। वैसे भी रीयल एस्टेट में लंबे समय से निवेशक निवेश नहीं कर रहे हैं। जिस तरह से सोने की कीमत लगातार आसमान पर जा रही है, उससे घरों और जमीन में निवेश करने वाले सोने और चांदी की तरफ चले गए हैं। यही कारण है कि इस बार त्योहारी सीजन में मकान और प्लाट भी कम बिके हैं। अब तो और स्थिति खराब हो जाएगी। इसी के साथ संयुक्त रूप से जमीन लेने का सौदा भी महंगा हो गया है। ऐसा करने से दो करोड़ की जमीन की रजिस्ट्री साढ़े छह करोड़ की कीमत पर करानी होगी।

रीयल एस्टेट में वैसे भी लंबे समय से मंदी का दौर चल रहा है। ऐसे समय में जब केंद्र सरकार ने जीएसटी का नया स्लैब बनाया, तो सीमेंट के साथ ही बिल्डिंग मटेरियल के सामान की जीएसटी का स्लैब बदलने के बाद मकानों के सस्ते होने का रास्ता खुला। इसी के साथ किसी भी योजना में पहले 30 फीसदी स्थान में फ्लैट बनाने की मंजूरी को बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है, तो इससे भी मकानों की लागत कम हो गई है, लेकिन अब जिस तरह से नई गाइड लाइन आई है उसको लेकर बिल्डर परेशानी में पड़ गए हैं।

मकान खरीदना-बेचना महंगा सौदा
मकानों में निवेश करने वाले पहले मकान लेने के बाद उसको एक-दो साल रखकर कीमत बढ़ने पर बेचे देते थे, लेकिन अब यह सौदा आसान नहीं रह गया है। अब अगर कोई चाहे कि उसने कोई 50 लाख का मकान लिया है और उसके दाम 60 लाख हो गए हैं और वह उसको बेच दे तो यह आसान नहीं होगा। क्योंकि जिस क्षेत्र में वह मकान है, वहां पर अगर जमीन की कीमत ही 50 से 60 लाख रुपए हो गई है तो रजिस्ट्री में बहुत ज्यादा पैसा लग जाएगा। पहले बाजार मूल्य से जमीन की कीमत कम रहने पर आसानी से थोड़ा फायदा देखकर निवेशक मकान बेच देते थे, लेकिन अब मकान की रजिस्ट्री में ज्यादा फटका लगने के कारण बार-बार मकान का सौदा करना संभव नहीं होगा। बिल्डरों का कहना है नए मकानों की बिक्री में भी परेशानी होगी, क्योंकि जमीन की कीमत ज्यादा होने पर मकान की कीमत से ज्यादा मूल्य पर रजिस्ट्री करानी पड़ेगी तो ग्राहक इसके लिए तैयार नहीं होंगे।

संयुक्त जमीन का सौदा बड़ा महंगा
जमीन का कारोबार करने वाले बता रहे हैं कि अब संयुक्त रूप से जमीन खरीदना भी संभव नहीं होगा। पहले तीन लोग मिलकर एक एकड़ जमीन ले लेते थे। बाद में इसको दाम ज्यादा होने पर बेच भी देते थे। या फिर और जमीन लेकर काई योजना प्रारंभ कर देते थे। अब अगर एक एकड़ जमीन के दाम किसी क्षेत्र में दो करोड़ रुपए हैं और वहां पर वर्ग फीट में जमीन के दाम 15 सौ रुपए हैं तो एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री साढ़े छह करोड़ रुपए में होगी। क्योंकि तीन नाम से रजिस्ट्री होने के कारण 15-15 हजार वर्ग फीट के हिसाब से ही रजिस्ट्री होगी। ऐसे में दो करोड़ की जिस जमीन पर रजिस्ट्री के लिए करीब दस फीसदी के हिसाब से 20 लाख लगने चाहिए, उसके स्थान पर 65 लाख रुपए लग जाएंगे। ऐसे में अब संयुक्त रूप से जमीन की खरीदी भी बंद हो जाएगी।

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