अंकसूची सुधारने में अब पांच गुना ज्यादा खर्च: रविशंकर विश्वविद्यालय ने 120 से बढ़ाकर 500 किया शुल्क

विद्यापरिषद की स्थायी समिति में लिया गया था फैसला, अब कार्यपरिषद ने दी मंजूरी
रायपुर। यदि आपने पं. रविशंकर शुक्ल विवि से किसी तरह की डिग्री हासिल की है। डिप्लोमा या कोई अन्य पाठ्यक्रम किया है और आपकी अंकसूची में त्रुटि है तो इसे सुधारने अब पहले से लगभग पांच गुना अधिक राशि देनी होगी। रविवि ने अंकसूची सुधार में लगने वाली राशि में वृद्धि कर दी है। पहले छात्रों को अंकसूची में किसी भी तरह की त्रुटि होने पर 120 रुपए देने होते थे, लेकिन अब 500 रुपए देने होंगे। विद्यापरिषद की बैठक में जुलाई माह में इस संदर्भ में निर्णय लिया गया था। अब कार्यपरिषद की बैठक में भी इसे मंजूरी प्रदान कर दी गई है। सितंबर माह से बढ़ा हुआ शुल्क भी लागू कर दिया गया है। विवि द्वारा इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
इसके अलावा विवि द्वारा उन परिस्थितियों का भी जिक्र किया गया है, जिनमें अंकसूची सुधार की अनुमति होगी। इसमें पुनर्मूल्यांकन अथवा पुनर्गणना के बाद अंकवृद्धि, रोके गए परीक्षा परिणाम जारी करने, आंतरिक मूल्यांकन अथवा प्रायोगिक परीक्षा के अंकों की गलत प्रविष्टि सहित कई बिंदु शामिल हैं। अंकसूची सुधार की प्रक्रिया में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है। पूर्ववत ही छात्रों को अपनी अंकसूची सरेंडर करनी होगी, इसके बाद ही छात्रों को संशोधित अंकसूची प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त विवि ने स्पष्ट किया है कि यदि छात्र अंकसूची जारी होने के 120 दिनों के भीतर सुधार के लिए आवेदन करते हैं, तो यह निशुल्क होगा। इसके बाद 500 रुपए का भुगतान करना होगा।
सर्वाधिक आवेदन डिग्री के कारण
अंकसूची सुधार के लिए सर्वाधिक आवेदन डिग्री के कारण प्राप्त होते हैं। अधिकतर विद्यार्थियों को डिग्री के लिए आवेदन करने के बाद ही त्रुटि की जानकारी होती है। डिग्री प्रदान करने के लिए सभी वर्ष की अंकसूची में एकरूपता होना अनिवार्य है। प्रायः छात्र अथवा उनके अभिभावकों के नाम में एकरूपता नहीं होती है। डिग्री के लिए आवेदन छात्र पढ़ाई पूर्ण होने के बाद करते हैं। ऐसे में 120 का समय स्वाभाविक रूप से गुजर चुका होता है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व चुनौती मूल्यांकन की राशि को लेकर भी छात्रों ने विरोध दर्ज कराया था। रविवि के नए प्रावधान के मुताबिक, पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना से असंतुष्ट छात्र चुनौती मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए 2500 रुपए चुकाने होंगे तो परीक्षा शुल्क से भी अधिक है।
ऑनलाइन दर्ज होगा सुधार का रिकॉर्ड
अंकसूची में सुधार संबंधित किसी तरह की ऑनलाइन जानकारी अब तक अपडेट नहीं की जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यदि किसी विद्यार्थी की अंकसूची में सुधार किया गया है तो डिजिटल सिस्टम में संशोधित डेटा अपडेट करना होगा। जिन छात्रों की अंकसूची में सुधार होगा, उसके सम्मुख रिवाइज्ड का टैग लगाया जाएगा। इस व्यवस्था से विवि के पास उन छात्रों का रिकॉर्ड होगा, जिन्होंने अपनी अंकसूची में सुधार कराया है।
