रविशंकर विवि का होगा अपना ध्वज: छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा के जरिए बनवाया जाएगा डिजाइन

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय
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पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय

पं. रविशंकर शुक्ल विवि का अब अपना झंडा होगा। ध्वज निर्माण के बाद यह प्रदेश का पहला शासकीय विश्वविद्यालय होगा।

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विवि का अब अपना झंडा होगा। ध्वज निर्माण के बाद यह प्रदेश का पहला शासकीय विश्वविद्यालय होगा, जिसका अपना ध्वज होगा। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों का अपना लोगो होता है, जिसका प्रयोग वे अंकसूची सहित दस्तावेजों व शासकीय कार्यों में करते हैं, लेकिन ध्वज की विशेष आवश्यकता नहीं होने के कारण इसका निर्माण किसी विवि द्वारा नहीं किया गया। ध्वज के इतर लोगो अनिवार्य होता है ताकि कागजी कार्य निर्बाध रूप से किए जा सकें।

वहीं ध्वज की अनिवार्यता किसी भी कार्य विशेष के लिए नहीं है। देश के अन्य हिस्सों में जहां विश्वविद्यालय के अपने ध्वज हैं, वे केवल आयोजनों में अथवा प्रतिस्पर्धा के दौरान प्रतिनिधित्व के रुप में इसका प्रयोग करते हैं। स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद भी इस ओर अब तक विशेष प्रयास नहीं किए गए अथव कोई सुझाव या प्रस्ताव नहीं मिला। अब विवि द्वारा इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। कार्यपरिषद की बैठक में इसे लेकर प्रस्ताव रखा गया था, जिसे पारित कर दिया गया।

मौजूदा सत्र में होगी प्रतिस्पर्धा
कार्यपरिषद में लिए गए फैसले के अनुसार, विवि के ध्वज का निर्माण छात्र ही करेंगे। ध्वज निर्माण के लिए छात्रों के मध्य प्रतियोगिता रखी जाएगी। जिस छात्र का ध्वज सर्वश्रेष्ठ होगा, उसे ही विश्वविद्यालयीन ध्वज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। हालांकि प्रतियोगिता में केवल रविवि के विद्यार्थी ही हिस्सा ले सकते हैं अथवा अन्य विवि के छात्रों को भी इसकी पात्रता होगी, इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। सूत्रों के अनुसार, इसके लिए विशेष कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी प्रतियोगिता संबंधित नियम-शर्तों का निर्धारण करेगी। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में ही यह स्पर्धा होगी। अर्थात मौजूदा शैक्षणिक सत्र में ही विवि को अपना झंडा मिल जाएगा।

दक्षिण के विश्वविद्यालयों की अपनी पहचान
दक्षिण भारत के अधिकतर शैक्षणिक संस्थानों का अपना ध्वज होता है। हालांकि अन्य हिस्सों में इसका अधिक प्रचलन नहीं है। इसके उलट हार्वर्ड यूनिवर्सिटी सहित वैश्विक स्तर पर पहचान रखने वाले विश्वविद्यालयों के पास अपना स्वयं का ध्वज होता है। शक्तिशाली प्रतीक चिन्ह के रूप में वे इसका प्रयोग करते हैं। बीते माह ए प्लस ग्रेड हासिल करने वाला रविवि भी अब इस दिशा में काम कर रहा है।

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