राजनंदगांव जिले को मिला राष्ट्रीय पुरष्कार: सामुदायिक प्रयासों का रहा परिणाम, जल संरक्षण-जनभागीदारी के क्षेत्र में बना आदर्श मॉडल

राजनांदगांव जिले को बेस्ट डिस्ट्रिक्ट श्रेणी में मिला प्रथम पुरस्कार
राजनांदगांव। जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 11 नवम्बर को आयोजित पुरस्कारों की घोषणा कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने छठवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 के विजेताओं की घोषणा की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिले को देश के ईस्ट जोन में 'बेस्ट डिस्ट्रिक्ट' श्रेणी में प्रथम पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है।
यह सम्मान जिले में जल संरक्षण, संवर्धन तथा जनभागीदारी आधारित सतत कार्यों के लिए दिनांक 18 नवम्बर को राष्ट्रपति महोदया के माध्यम से प्रदान किया जाना हैं। उल्लेखनीय है कि, इस पुरस्कार में देशभर के विभिन्न जिलों के नामांकन के बाद सेन्ट्र ग्राउण्ड वॉटर बोर्ड, सेन्ट्रल वॉटर कमिशन एवं विभिन्न दलों के निरीक्षण एवं विस्तृत अवलोकन के उपरांत छत्तीसगढ़ राज्य ही नहीं अपितु पूरे देश के ईस्ट जोन के पांच राज्यों के समस्त जिलों में से बेस्ट डिस्ट्रीक्ट केटेगरी में प्रथम पुरस्कार के रूप में यह खिताब राजनांदगांव जिले को प्रदान किया जा रहा हैं। ज्ञात हो कि, विगत वर्ष में केंद्रीय भू-जल मंत्री द्वारा राजनांदगांव जिले का दौरा कर जिले में चल रहे इस अभियान के प्रयासों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए देश विभिन्न मंचों में राजनांदगांव की प्रशंसा भी की थी।

जनभागीदारी आधारित यह अभियान जल संरक्षण की दिशा में सफल पहल
राजनांदगांव जिले में जल संरक्षण एवं प्रबंधन के कार्यों को शासन-प्रशासन के साथ-साथ कंघे से कंघा मिलाकर नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, पंचायतों, महिला स्व-सहायता समूहों, उद्योगपतियौं, विद्यार्थियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से मिशन के रूप में संचालित किया गया। गांवों से लेकर शहरों तक नागरिकों ने जल ही जीवन है और जल हेतु कल है के संदेश को आत्मसात करते हुए “मिशन जल रक्षा” को एक जनआंदोलन का स्वरूप प्रदान किया हैं।
किसानों द्वारा फसल चक्र परिवर्तन, वर्षा जल संचयन एवं भूजल पुनर्भरण के कार्यों से जिले में जल स्तर में सुधार हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। यह कहना उचित होगा कि जब केंद्रीय भूजल बोर्ड की 2021-22 की रिपोर्ट में जिले के तीन ब्लॉकों को सेमी-क्रिटिकल जोन के रूप में चिन्हित किया गया था।

घटते जलस्तर को थामना था उद्देश्य
सेमीक्रिटिकल जोन का अर्थ पानी के विषय में 70 प्रतिशत से अधिक पानी का उपयोग करने वाले क्षेत्र इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए मिशन जल रक्षा के वृहत प्रयासों के साथ जिले ने यह अभियान प्रारंभ किया था, अब यह पूरे देश में मॉडल के रूप में जाना जाने लगा है।
इस योजना में जिले की प्राथमिकता है कि, पहले तो हम पानी के तेजी से घटते जल स्तर की गति को धीमा कर सके फिर उसे एक स्तर पर स्थिर कर सके तत्पश्चात् अत्याधिक जल दोहन को रोककर इस प्राकृतिक बहुमूल्य धरोहर को संधारित कर सके। इसके लिए अनिवार्य है कि प्रत्येक नागरिक को आज से ही अपने आस पास के क्षेत्र में होने वाले जल दोहन को ध्यान में रख कर कम से कम भू जल का उपयोग करें एवं कम से कम पानी उपयोग वाली फसलों को बढ़ावा दें।

महिला समूहों ने निकाली 'नीर और नारी' जल यात्रा
महिला समूहों ने 'नीर और नारी जल यात्रा' जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण की व्यापक जनजागरूकता विकसित की गई। जिसमें जिले के पद्मश्री श्रीमती फुलबासन बाई का विशेष सहयोग रहा जिन्होने जिले के गांव गांव में जाकर महिलाओं को एकजुट कर जल यात्राओं के माध्यम से मुहिम को बल प्रदान किया । जिले के समस्त विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने रैलियों, पौधा रोपण विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को जल संरक्षण हेतु प्रेरित किया।
मिशन 'जल रक्षा' सतत विकास की दिशा में अभिनव पहल
पानी की तेजी से घटते जल स्तर की इस चुनौती को प्रयासों में बदलते हुए जिले में जीआईएस आधारित तकनीकी योजनाओं, रिचार्ज संरचनाओं, रिचार्ज सॉफ्ट, बोरवेल सह इंजक्शनवेल, परकोलेशन टैंक, फार्म पॉन्ड और तालाबों के पुर्नजीवन जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी गई। मिशन के अंतर्गत भू- जल दोहन नियंत्रण, वर्षा जल संग्रहण, तथा सामुदायिक प्रयासों को जल संरक्षण की प्रमुख रणनीति के रूप में अपनाया गया।

सामुदायिक प्रयासों से मिली राष्ट्रीय पहचान
राजनांदगांव जिले को प्राप्त होने वाला यह राष्ट्रीय सम्मान, जिले के नागरिकों, जनप्रतिनिधियों एवं सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। “साझा प्रयासों से जल बचाओ, भविष्य बनाओ” की भावना को व्यवहार में उतारते हुए जिले ने यह सिद्ध किया है कि जनभागीदारी से किसी भी संसाधन का संरक्षण संभव है।
साथ ही साथ 18 नवंबर 2025 को ही नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में राजनांदगांव जिले को एक अन्य जल संचय से जन भागीदारी के क्षेत्र में भी सम्मानित किया जाना है। राजनांदगांव की यह उपलब्धियां अब पूरे देश के सामने आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित हो रही है। यह सम्मान न केवल जिले की उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत जल प्रबंधन और सामूहिक जिम्मेदारी का संदेश भी देता है।
