राज्य स्तरीय कला उत्सव 2025: नृत्य, संगीत, नाट्य और लोककला का शानदार संगम

राज्य स्तरीय कला उत्सव 2025 के प्रतिभागी
रायपुर। विकसित भारत अभियान के तहत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कला उत्सव 2025 का सफल आयोजन राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा, रायपुर में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की कलात्मक प्रतिभा को पहचानना, उसे संवर्धित करना और शिक्षा में कला को प्रोत्साहन देना रहा।
चार दिवसीय कला महोत्सव में झलकी विविध विधाओं की चमक
चार दिवसीय इस उत्सव का आयोजन शासकीय शिक्षक शिक्षा, शंकर नगर, रायपुर के सभागार में हुआ। विभिन्न सत्रों में विद्यार्थियों ने नाट्य कला, समूह नाटिका, रोल प्ले, मिमिक्री, माइम और पारंपरिक कहानी वाचन जैसी विधाओं में अपनी प्रतिभा दिखाई और इसी तरह संगीत वादन में शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, लोक और वाद्यवृंद की मनमोहक प्रस्तुतियाँ हुईं, नृत्य विधा में शास्त्रीय, क्षेत्रीय लोक, जनजातीय और समकालीन समूह नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
#रायपुर में सम्पन्न राज्य स्तरीय कला उत्सव 2025 में प्रदेशभर से आए विद्यार्थियों ने चार दिवसीय आयोजन में नृत्य, संगीत, नाटक और दृश्य कला का शानदार प्रदर्शन किया।@RaipurDistrict #kalautsav2025 #Chhattisgarh pic.twitter.com/6iXoR7O7B5
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) November 4, 2025
दृश्य कला में सजी सृजनशीलता और स्थानीय शिल्प की झलक
दृश्य कला के अंतर्गत एकल, द्वि और त्रिआयामी कला प्रदर्शन के साथ स्वदेशी खिलौनों और खेलों में स्थानीय शिल्प का समावेश किया गया, जिसने उत्सव को और भी आकर्षक बना दिया। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए विद्यार्थियों ने अपनी कला का श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए निर्णायकों को प्रभावित किया।

निर्णायक मंडल और आयोजक दल की भूमिका रही सराहनीय
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मुक्ति बैस (राज्य नोडल अधिकारी कला उत्सव, समग्र शिक्षा) के निर्देशन में हुआ, अजय पिल्ले (कार्यक्रम प्रभारी), नीलम कुशवाहा और हरीश निषाद के सहयोग से आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। निर्णायक मंडल में पद्मश्री भारती बंधु, लोक कलाकार राकेश तिवारी, डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर, डॉ. दीनदयाल, साहित्यकार रोहित साहू, विवेकानंद भारती, सपना सिंह और गोविंद धनगर जैसे विशेषज्ञ शामिल रहे।

राष्ट्रीय स्तर पर देंगे प्रदर्शन
सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों का चयन निर्णायक मंडल द्वारा किया गया। अब ये चयनित विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

कला के माध्यम से शिक्षा और संस्कार का संगम
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ नृत्य, संगीत, नाटक और चित्रकला जैसी विधाओं से नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का विकास करना रहा। कला उत्सव ने यह संदेश दिया कि शिक्षा सिर्फ पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि सृजनशीलता और संवेदनशीलता का भी माध्यम है।
