RSS के शताब्दी वर्ष पर हुआ भव्य आयोजन: माधव नगर जोरापारा बस्ती में मनाया गया विजयदशमी उत्सव

RSS के शताब्दी वर्ष पर माधव नगर जोरापारा में विजयदशमी उत्सव
रायपुर। माधव नगर जोरापारा बस्ती में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विजयदशमी उत्सव का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन आर.डी. बिल्डिंग मैदान, शारदा चौक में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और गणमान्य नागरिक शामिल हुए।
ध्वज प्रणाम और शस्त्र पूजन से हुई शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक ध्वज प्रणाम के साथ की गई, इसके बाद अमृत वचन और एकल गीत की प्रस्तुति हुई, इस अवसर पर शस्त्र पूजन और संबोधन सत्र का आयोजन भी हुआ, जिसमें समाज में संगठन और संस्कार की भावना को सशक्त बनाने पर जोर दिया गया।

सर्वांगीण विकास के लिए ‘पंच परिवर्तन’ के लक्ष्य
कार्यक्रम नगर सरसंघ चालक श्री मनीष साहू की अध्यक्षता में प्रारंभ हुआ, मुख्य अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी वार्ड के पार्षद 'श्री अवतार सिंह बागल' और मुख्य वक्ता के रूप में रायपुर महानगर प्रचार प्रसार प्रमुख 'श्री शुभम अग्रवाल' उपस्थित रहे जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि, “संघ का सौवां वर्ष हिंदू समाज के सहयोग और आशीर्वाद का परिणाम है। 1925 से संघ राष्ट्र निर्माण और समाज में संस्कार की भावना विकसित करने में जुटा है।”
उन्होंने बताया कि संघ ने भारत माता के सर्वांगीण विकास के लिए ‘पंच परिवर्तन’ के लक्ष्य तय किए हैं -
1. सामाजिक समरसता
2. पर्यावरण संरक्षण
3. नागरिक कर्तव्य पालन
4. कुटुंब प्रबोधन
5. स्वदेशी को प्रोत्साहन
परिवार और समाज में एकता का संदेश
प्रचार प्रसार प्रमुख 'श्री शुभम अग्रवाल' ने स्वयंसेवकों से समाज में जामवंत की भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि परिवार की एकता ही समाज की शक्ति है, इसलिए “हर परिवार को दिन में एक बार साथ भोजन अवश्य करना चाहिए - यही सामाजिक समरसता की नींव है।”

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित
कार्यक्रम में नगर सरसंघ चालक मनीष साहू, महानगर प्रचार प्रसार प्रमुख शुभम अग्रवाल, पार्षद अवतार सिंह बागल, बस्ती प्रमुख प्रणीत जैन, तथा सुरेश कुंबलकर, भूषण टावरे, संजय चोपकर, रवि देशमुख, सुनील ठाकुर, विजय सोनी, नरेंद्र चंदेल, साजन श्रीवास, शीतल जैन, तुषार शर्मा, अनिकेत यादव, आदित्य ठाकुर, जितेंद्र खत्री, विजय सोना, योगेश पशिने सहित अनेक स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

