सीएम आवास में हुआ तुलसी विवाह: मुख्यमंत्री ने सपरिवार की पूजा-अर्चना, प्रदेशवासियों के खुशहाली की कामना

मुख्यमंत्री ने सपरिवार की पूजा- अर्चना
रायपुर। देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में श्रद्धा, भक्ति और पारंपरिक विधि-विधान के साथ तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। सीएम विष्णु देव साय एवं उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय ने माता तुलसी एवं भगवान शालिग्राम का विवाह संपन्न कराया और सपरिवार पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि देवउठनी एकादशी धर्म, अध्यात्म और प्रकृति के संतुलन का प्रतीक है। भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागरण के साथ ही शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है। तुलसी विवाह समाज में पवित्रता, सौहार्द और एकत्व की भावना को जागृत करता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक परंपराओं में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। यह पर्व हमें परिवार, समाज और प्रकृति के बीच सामंजस्य और संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है। हमारी लोक संस्कृति में तुलसी विवाह को पवित्रता और समर्पण का प्रतीक माना गया है, जो जीवन में सात्त्विकता और सद्भावना का संचार करता है।
उत्तिष्ठ उत्तिष्ठ गोविन्द उत्तिष्ठ गरुडध्वज।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) November 2, 2025
उत्तिष्ठ कमलाकान्त त्रैलोक्यं मंगलं कुरु।।
देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर रायपुर स्थित निवास में धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय जी के साथ श्रद्धा और पारंपरिक रीति-विधान से माता तुलसी एवं भगवान शालिग्राम का विवाह एवं पूजन किया।
यह पर्व… pic.twitter.com/oPIxLKRfEj
प्रदेश की खुशहाली की कामना
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों के सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्यता की मंगलकामना करते हुए कहा कि सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु और माता तुलसी की कृपा से सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो, तथा समूची सृष्टि में आरोग्य, सौहार्द और मंगलमय ऊर्जा का संचार हो। उन्होंने कहा कि यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि जीवन में संतुलन, सकारात्मकता और नव आरंभ का प्रतीक भी है। उन्होंने आगे कहा कि, प्रदेशवासियों को देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह के पावन अवसर की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह पर्व हमारी समृद्ध परंपराओं, लोकआस्था और जीवनमूल्यों को निरंतर जीवंत रखने का प्रतीक है।
