मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार की घोषणा: विद्या समीक्षा केंद्र अव्वल, वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम और ई-कुबेर ने भी बनाई जगह

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर। प्रशासनिक कार्यों को सुदृढ़ करने के लिए प्रारंभ किए गए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। शिक्षा विभाग का विद्या समीक्षा केंद्र इसमें अव्वल स्थान हासिल करने में सफल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा इस पुरस्कार की घोषणा की गई।
गौरतलब है कि, यह पुरस्कार राज्य के विभिन्न जिलों और विभागों द्वारा लागू किए गए उन नवाचारों को सम्मानित करने के लिए दिए जाएंगे, जिन्होंने शासन व्यवस्था को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा स्थापित ये पुरस्कार इस बात के संकेत हैं कि, राज्य शासन सार्वजनिक प्रशासन के केंद्र में नवाचार, ठोस परिणाम और नागरिक हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। शासन की गुणवत्ता को केवल मंशा या व्यय के आधार पर नहीं, बल्कि उसके वास्तविक, मापनीय प्रभाव, विस्तार-योग्यता और जमीनी समस्याओं के समाधान की क्षमता के आधार पर आंका जाना चाहिए।
विभिन्न जिलों में सफलतापूर्वक लागू हुए नवाचारी पहल
नवाचार से समझाई डेटा एकीकरण की उपयोगिता : जिला श्रेणी के विजेताओं में दंतेवाड़ा जिले की 'ब्लॉकचेन आधारित भूमि अभिलेख डिजिटलीकरण' नवाचार ने भी अपना स्थान बनाया। जशपुर जिले की 'निर्माण जशपुर' पहल ने यह दर्शाया कि, एकीकृत डिजिटल मॉनिटरिंग किस प्रकार बुनियादी ढांचा विकसित करने में सहायक है। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में लागू संवर्धित टेक-होम राशन नवाचार ने गंभीर कुपोषण जैसी चुनौती का प्रभावी समाधान प्रस्तुत किया। गरियाबंद जिले की 'हाथी ट्रैकिंग एवं अलर्ट ऐप' ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में तकनीक की भूमिका को सशक्त रूप से सामने रखा। नारायणपुर जिले का 'इंटिफाई इंटेलिजेंस टूल' आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में डेटा एकीकरण की उपयोगिता को दर्शाता है।
क्यू आर कोड आधारित सूचना भी
विभागीय श्रेणी में शिक्षा विभाग का 'विद्या समीक्षा केंद्र' डेटा-आधारित शिक्षा शासन का एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरा। इस पहल के लिए केंद्र स्तर पर भी शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी की सराहना हो चुकी है। यह मॉडल अन्य राज्यों में भी अपनाया जा रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की 'वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम' ने व्यवसाय सुगमता सुधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। वाणिज्य कर (आबकारी) विभाग की समग्र ई-गवर्नेस सुधार पहल ने राजस्व संग्रह और अनुपालन व्यवस्था को सुदृढ़ किया। वन और जलवायु परिवर्तन विभाग की। एफडीएस 2.0 ई-कुबेर डिजिटल भुगतान प्रणाली ने मैनुअल चेक आधारित प्रक्रियाओं को समाप्त कर पूर्णतः कैशलेस, आरबीआई एकीकृत भुगतान व्यवस्था लागू की। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा अंतर्गत लागू क्यू आर कोड आधारित सूचना स्व प्रकटिकरण ने व्यवस्था ने नागरिक-केंद्रित शासन को नई मजबूती दी।
