ISIS से जुड़े दो नाबालिगों के मोबाइल जब्त: आंतकी संगठन के लोगो ने दिया था वाट्सअप ग्रुप बनाने का टास्क, 100 से अधिक को जोड़ चुके

एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS)
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आतंकवाद से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। प्रतिबंधित आतंकी संगठन ISIS की विचारधारा से प्रभावित दो नाबालिगों को ATS (Anti-Terrorism Squad) ने रायपुर और दुर्ग से गिरफ्तार किया है। दोनों के मोबाइल फोन की जांच में ऐसे कई डिजिटल सबूत मिले हैं, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
जांच में यह सामने आया है कि, ISIS (Islamic State of Iraq and Syria) से जुड़े हैंडल ने इन नाबालिगों को व्हाट्सऐप ग्रुप बनाने और उसमें लोगों को जोड़ने का टास्क दिया था। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, दोनों नाबालिग शहर और प्रदेश के 100 से अधिक लोगों को इस ग्रुप में जोड़ चुके थे। ATS अब इस मामले में गंभीरता से आगे बढ़ते हुए ग्रुप से जुड़े कई लोगों को पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी कर रही है।
मामले की गहन जांच है जारी
मोबाइल फोन में कई आपत्तिजनक तस्वीरें और डिजिटल एविडेंस बरामद हुए हैं। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि, दोनों नाबालिग ISIS की कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित थे। एटीएस थाना में दोनों के खिलाफ UAPA (Unlawful Activities (Prevention) Act) के तहत FIR दर्ज कर ली गई है। जब्त मोबाइलों की गहन डिजिटल फॉरेंसिक जांच जारी है, ताकि नेटवर्क और कनेक्शन की पूरी सच्चाई का पता लगाया जा सके।
इस्लामिक शिक्षा देने के नाम पर ब्रेन वाश
आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) ने आईएसआईएस से जुड़े दो नाबालिगों को भिलाई तथा टिकरापारा थाना क्षेत्र से पकड़ा है। इन नाबालिगों के भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। नाबालिगों को आतंकी गतिविधियों में शामिल आईएसआईएस ने इस्लामिक शिक्षा देने के नाम पर ब्रेन वाश कर अपने झांसे में लिया था। दोनों नाबालिगों को आतंकी संगठन ने सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क कर अपने जाल में फंसाया है।
दोनों किशोरों के आईपी एड्रेस को ककिया ट्रेस
जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया की निगरानी के दौरान फेसबुक, इंस्टाग्राम में कई छद्म नाम से अकाउंट संचालित करने वालों के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद उनसे जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाई गई तो रायपुर तथा भिलाई के दो किशोरों के नाम सामने आए। उन दोनों नाबालिगों के आईपी एड्रेस ट्रेस कर एटीएस ने दोनों की रविवार को उठाया। पता चला है कि, आईएसआईएस ने दोनों नाबालिगों को धार्मिक शिक्षा देने के नाम पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल करने राजी कर लिया था।
फिदायीन बनाने की फिराक में थे दोनों नाबालिग
एटीएस ने जिन दो नाबालिगों को उठाया है, उनके लैपटॉप तथा मोबाइल से कई आपत्तिजनक सामग्री मिली हैं। सभी सामग्री पाकिस्तान से भेजी गई हैं। छात्रों को अपने धर्म के प्रति समर्पित होकर कार्य करने निर्देश दिए गए थे। आतंकी संगठन दोनों नाबालिगों की फिदायीन बनाने की फिराक में थे। दोनों लड़कों के मोबाइल में और कई आपत्तिजनक सामग्री मिली है, जिसका एटीएस जांच कर रही है।
धार्मिक उन्माद फैलाने के निर्देश
पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन के कहने पर दोनों लड़कों को धार्मिक आयोजन पर उन्माद फैलाने निर्देश दिए गए थे। इसके अलावा सेशल मीडिया के मध्यम से अपने हम विचार लोगों को जोड़ने के लिए कहा गया था। साथ ही छड़ा नाम से आईडी बनाकर अपने संपर्क तेज करने निर्देश दिए गए थे। एटीएस सूत्रों के मुताबिक आईएसआईएस ने दोनों किशोरों को संवेदनशील जगहों की नक्शा भेजने के लिए कहा था। पकडे गार दोनों नाबालिगों के कब्जे से एटीएस ने संवेदनशील स्थाने का नक्शा जब्त किया था। नक्शा तथा जानकारी नाबालिगों के लैपटॉप में स्टोर था।
एटीएस की पहली एफआईआर
छत्तीसगढ़ में एटीएस का गठन वर्ष 2017 में हुआ है। आतवाद विरोधी गतिविधियों में एटीएस की यह पहली एफआईआर है। इसके पूर्व घटीएस जी कार्रवाई करती थी मामले की जांच पूरी करने के बाद केस थाना के सुपुर्द कर देती थी। एटीएस की कार्रवाई के आधार पर आने वाले दिनों में एनआईए की टीम भी जांच में शामिल हो सकती है।
