पियक्कड़ शिक्षकों की खैर नहीं: शराब पीकर स्कूल आए तो होगी कार्यवाही, बर्खास्तगी की भी गिरेगी गाज

शराब पीकर स्कूल आए तो होगी कार्यवाही
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शराबी शिक्षकों पर कार्यवाही (Demo Pic)

छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी स्कूलों की छवि सुधरने के लिए शराब पीकर स्कूल आने वाले शिक्षकों पर अब सीधे FIR दर्ज की जाएगी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों की छवि को बेहतर बनाने और शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने अब कड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। हाल ही में कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। जिनमें शिक्षक शराब के नशे में कक्षा में लड़खड़ाते हुए नजर आए हैं। कहीं नशे में धुत शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाय आपस में झगड़ते दिखे। इन घटनाओं ने शिक्षा विभाग की साख पर सवाल खड़े करने के साथ अभिभावकों और आम जनता के बीच आक्रोश भी फैला दिया है।

इसी बढ़ते रोष को देखते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि, अब किसी भी शिक्षक के शारब पीकर स्कूल आने पर सीधी FIR दर्ज होगी और उसे नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। मंत्री गजेंद्र ने कहा कि, जल्द ही इस संबंद में सभी जिला शिक्षा अधिकारीयों DEO को स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएंगे, ताकि ऐसे मामलों पर तत्काल और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसलिए उठाया गया ठोस कदम
प्रदेश में लगातार सामने आ रहे मामलों मे देखा गया कि, कुछ शिक्षक शराब पीकर स्कूल आते हैं और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देने के बजाय गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाते हैं। इससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने के साथ सरकारी स्कूलों की साख भी धूमिल हो रही है। वायरल वीडियो में नशे में धुत शिक्षकों को देखकर अभिभावकों ने नाराजगी जताई और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

ये कहा शिक्षा मंत्री ने-
मंत्री गजेंद्र यादव ने कहा कि, बच्चों का भविष्य हमारे लिए सर्वोपरि है। किसी भी हालत में हम सरकारी स्कूलों की छवि खराब नहीं होने देंगे। शराब पीकर स्कूल आने वाले शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करने के साथ उन्हें नौकरी से भी बर्खास्त किया जाएगा।

अभिभावकों ये है कहना-
इस फैसले का स्वागत करते हुए रायपुर के एक अभिभावक ने कहा कि, यदि शिक्षा देने वाले गुरू ही नशीली पदार्थों का सेवन करेंगे तो नन्हें बच्चों पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है। शराब पीकर स्कूल में आना बेहद ही शर्मनाक हरकत है, जो एक शिक्षक को शोभा नहीं देती। सर्कार यह ठोस कदम प्रशंसनीय है। इससे बच्चों का भविष्य खतरे से बाहर से रहेगा और सरकारी स्कूलों की इमेज भी सुधरेगी।

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