बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता: खेतों में भरा पानी, धान की फसल पर भूरा माहो और ब्लास्ट का बढ़ा प्रकोप

लगातार बारिश के चलते धान की फसल में बढ़ा बिमारियों का खतरा
कुश अग्रवाल- बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ सहित बलौदा बाजार जिले में अक्टूबर महीने की असामान्य बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लगातार हो रही वर्षा के कारण खेतों में जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे धान की खड़ी फसल पर भूरा माहो, ब्लास्ट, शीथ ब्लाइट और बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट जैसे रोगों का तेजी से प्रकोप देखा जा रहा है। धूप नहीं निकलने से पौधे कमजोर पड़ रहे हैं, वहीं किसान लगातार कीटनाशक दवाओं के छिड़काव के बावजूद राहत नहीं पा रहे हैं।
किसानों का कहना है कि, पिछले पंद्रह दिनों से बीमारियों का असर लगातार बढ़ रहा है। जरूरत से ज्यादा बारिश की वजह से खेतों में पानी भरा हुआ है, जिससे धान के पौधे पीले पड़ने लगे हैं। फसल बचाने के लिए किसान बार-बार दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं, जिससे लागत लगातार बढ़ती जा रही है। धान के साथ-साथ सब्जियों की फसलें भी प्रभावित हो रही हैं।

सब्जियों की जड़ें गलने लगी
खेतों में पानी भरने से लौकी, टमाटर, भिंडी और बैंगन जैसी सब्जियों की जड़ें गलने लगी हैं। किसान बताते हैं कि सब्जियों को बचाने के लिए भी कीटनाशक दवाओं का उपयोग दोगुना करना पड़ा है, जिससे लागत में भारी वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि, यह समय धान की फसलों के लिए अत्यंत संवेदनशील है, क्योंकि अधिकांश खेतों में फसल बाली निकलने और फूल आने की अवस्था में है।
फसलों के उत्पादन कम की संभावना
लगातार वर्षा और नमी से परागण प्रभावित होता है, जिससे खाली बालियां और अधपके दाने बनने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं तेज हवाओं और बारिश से फसल झुकने का खतरा भी बना हुआ है, जिससे कटाई के समय परेशानी आ सकती है। अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो 25 से 30% फसलों के उत्पादन कम होने की संभावना है।

15 नवंबर से होगी धान खरीदी
वहीं 15 नवंबर से छत्तीसगढ़ सरकार ने भी समर्थन मूल्य में धान खरीदी करने की घोषणा कर दी है,, अगर धान के खेतों में नमी रहती है तो 15 नवंबर तक मंडियों में धान पहुंचने की संभावना भी कम ही है। भू-अभिलेख कार्यालय से मिले वर्षा आंकड़ों के अनुसार- सुहेला में 1130.5 मिमी बारिश हुई है। वहीं पलारी में 1059.4 मिमी, सोनाखान में 940.7 मिमी, बलौदाबाजार में 936.2 मिमी, भाटापारा में 925 मिमी, लवन में 909.1 मिमी और कसडोल में 844.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।

