बिलासपुर रेल हादसे के बाद बड़ी कार्रवाई: DRM राजमल खोईवाल हटाए गए, बड़े अधिकारी पर भी जल्द गिर सकती है गाज

रेल हादसे के बाद DRM राजमल खोईवाल का हुआ तबादला
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेल हादसे के बाद एक के बाद बड़ी कार्रवाई हो रही है। इसी बीच अब DRM पर भी गाज गिरी है। DRM राजमल खोईवाल हो हटाकर उमेश कुमार को बिलासपुर रेलवे का नया डीआरएम बनाया गया है। बताया जा रहा है कि, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के एक बड़े अधिकारी पर भी जल्द ही गाज गिर सकती है।
रेल हादसे की जांच में हुए थे खुलासे
वहीं लालखदान में रेल हादसे की जांच करने वाले सीआरएस ने पूरी गलती रेल प्रशासन की बताई है, जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हुआ है। सीआरएस की प्रारंभिक रिपोर्ट में अप्रशिक्षित चालक के हाथों में मेमू की कमान के कारण 12 यात्रियों की मौत का भी उल्लेख किया गया है। इसकी वजह से संबंधित विभाग के अधिकारियों पर भी कभी भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। एक माह पहले चार नवंबर को कोरबा-बिलासपुर लोकल मेमू अप लाइन पर खड़ी कोयला लोड मालगाड़ी से टकरा गई थी। इसके कारण 12 यात्रियों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक यात्री घायल हो गए थे।
करोड़ों रुपए का हुआ नुकसान
इस हादसे के कारण रेलवे को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था। मामले की जांच करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन दक्षिण पूर्व सर्किल - कोलकाता के रेल सुरक्षा आयुक्त बीके मिश्रा ने रेल हादसे की जांच की शुरु की थी। इस दौरान उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण करते हुए तीन दिन तक इलेट्रिकल ओपी, इलेक्ट्रकल, एसएंडटी, मैकेनिकल, सीएंडडब्लू सहित अन्य विभाग के अफसरों व कर्मचारियों से पूछताछ की।
लोकल ट्रेन के हादसे की पूरी गलती रेल प्रशासन की
वहीं, 20 दिन के बाद सीआरएस मिश्रा ने मामले की मुख्य अभियुक्त मेमू की असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज से केन्द्रीय रेलवे हॉस्पिटल में जाकर घटना के संबंध में दो घंटे तक चर्चा की थी। सोमवार की रात रेल सुरक्षा आयुक्त श्री मिश्रा ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट एसईसीआर जोन मुख्यालय और डिवीजन को भेज दी है। इस रिपोर्ट में उन्होंने बताया है कि लोकल ट्रेन के हादसे की पूरी गलती रेल प्रशासन की है। विभाग ने चालक को साइको टेस्ट में पास नहीं होने के बाद भी यात्री ट्रेन को चलाने की जिम्मेदारी सौंप दी थी।
