रविवि का कारनामा: शीतकालीन अवकाश में परीक्षाएं, जो विषय सिलेबस में नहीं उसके भी होंगे पर्चे

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रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विवि को पिछले वर्ष अपने समय-सारिणी में रिकॉर्ड संशोधन करने पड़े थे। त्रुटियों में संशोधन करते-करते प्रबंधन को पांच बार टाइम-टेबल जारी करना पड़ा। रविवि अब अपने इस रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी में है। शुरुआत हो गई है। रविवि द्वारा जारी की गई समय-सारिणी के अनुसार, शीतकालीन अवकाश के दौरान भी परीक्षाएं होंगी। यही नहीं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद विभिन्न संकायों के विषय जिनके नाम बदल दिए गए हैं अथवा जिन्हें सिलेबस से ही हटा दिया गया है, उसकी भी परीक्षाएं होंगी।
रविवि की सेमेस्टर परीक्षाओं की समय-सारिणी बीते दिनों जारी की गई। उच्च शैक्षणिक संस्थानों में 23 से 25 दिसंबर तक शीतकालीन अवकाश घोषित है। रविवि ने इन तिथियों में भी परीक्षाओं की घोषणा कर दी है। महाविद्यालय प्रबंधन अब सिर पकड़कर बैठा है। मौखिक रूप से इन त्रुटियों के विषय में अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई सुधार अब तक नहीं हो सका है। कुछ दिनों के अंतराल में ही रविवि की सेमेस्टर परीक्षाएं प्रारंभ हो रही हैं। ऐसे में महाविद्यालय प्रबंधन भी इन त्रुटियों को लेकर चिंतित है।
बदले गए थे विषय
रविवि द्वारा सर्वप्रथम अस्थायी समय-सारिणी जारी की जाती है। यह केवल महाविद्यालय प्रबंधन के लिए होती है। इन्हें कॉलेजों को भेजकर इसमें त्रुटियों की जानकारी मांगी जाती है। त्रुटियां दूर कर समय सारिणी घोषित होती है। इसे वेबसाइट पर अपलोड करने के साथ ही महाविद्यालयों को भी भेजा जाता है ताकि वे इसे छात्रों को प्रेषित कर सकें। रविवि द्वारा जो पहली अस्थायी समय-सारिणी जारी की गई थी, उसमें उन विषयों को भी शामिल कर दिया गया था, जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद पाठ्यक्रम से ही हटा दिया गया है। कई महाविद्यालयों ने इसे लेकर जब आपत्ति दर्ज कराई, तब इसमें सुधार किया जा सका। जबकि अन्य खामियां अब तक सुधारी नहीं जा सकी हैं।
सीए, नेट संग टकराव
एक दिक्कत छात्रों को सीए, नेट सहित अन्य प्रतियोगी संग तिथियों को लेकर टकराव की है। सीए बनने के लिए तीनों चरणों की परीक्षाएं सामान्यतः दिसंबर माह में ही होती है। इसके अलावा यूजीसी द्वारा भी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन इस दौरान ही होता है। निजी महाविद्यालय संघ के सचिव डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने बताया, कई महाविद्यालयों ने नवंबर माह से परीक्षाएं प्रारंभ करने को लेकर भी आपत्ति जताई है। शैक्षणिक कैलेंडर का यदि पालन करना है तो सभी बिंदुओं पर करना चाहिए। सितंबर माह तक प्रवेश देकर नवंबर माह में परीक्षाएं लेने से परिणाम पर असर पड़ता है। इसके पूर्व रविवि की सेमेस्टर परीक्षाएं दिसंबर माह से प्रारंभ होती रही है।
