राजनांदगांव को मिले दो राष्ट्रीय पुरस्कार: जल संरक्षण क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथ सम्मान प्राप्त करते हुए कलेक्टर जितेन्द्र यादव
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले को दो राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों यह सम्मान कलेक्टर जितेन्द्र यादव और सीईओ जिला पंचायत सुरूचि सिंह ने प्राप्त किया। यह पुरस्कार राष्ट्रीय जल मिशन कार्यक्रम अंतर्गत मिला है। जिसके तहत किए गए सराहनीय प्रयासों के लिए 2 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
जल शक्ति मंत्रालय की राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रतियोगिता में विभिन्न चरणों के निरीक्षण, पर्यवेक्षण और मूल्यांकन के बाद ईस्ट जोन का बेस्ट जिला चुना गया। यह पुरस्कार कलेक्टर जितेंद्र यादव और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुरूचि सिंह ने प्राप्त किया। जल संरक्षण एवं जनभागीदारी के क्षेत्र में किए गए सराहनीय प्रयासों के लिए राजनांदगांव को छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के साथ 2 करोड़ रूपए का प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्रदान किया गया।

2022 से चल रहा जल सुरक्षा का मिशन
यह उपलब्धि वर्ष 2022 में प्रारंभ किए गए मिशन जल रक्षा के सफल क्रियान्वयन का परिणाम रही है, जिसमें जिले के नागरिकों, महिलाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, उद्योगपतियों और जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, जिले के तीन विकासखंड भू-जल स्तर के मामले में सेमी- क्रिटिकल जोन में हैं। जिले में 85 प्रतिशत भू-जल सिंचाई, 13 प्रतिशत घरेलू उपयोग और 2 प्रतिशत औद्योगिक उपयोग में हो रहा है। तेजी से गिरते जल स्तर को देखते हुए जिले ने व्यापक रणनीति के साथ जल शक्ति अभियान - कैच द रेन मोर गांव मोर पानी के अंतर्गत मिशन जल रक्षा - नारी शक्ति से जल शक्ति की शुरूआत की।

भू-जल रिचार्ज के लिए तकनीकी नवाचार
जिले में किए गए प्रमुख नवाचार-रिचार्ज सॉफ्ट बोरवेल एवं सेंड फिल्टर तकनीक द्वारा असफल बोरों मे रिचार्ज का प्रयास, परकुलेशन टैंक में इंजेक्शन वेल तैयार कर वर्षाजल को सीधे वाटर टेबल से जोडऩा, नए बोरवेल के साथ इंजेक्शन वेल का निर्माण, पहाड़ी क्षेत्रों में रिचार्ज संरचनाएं और लो-लाइन क्षेत्रों में जल संरक्षण संरचनाएं, संरचनाओं की मरम्मत, संधारण एवं जीआईएस-आधारित योजना निर्माण, इन कार्यों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की भागीदारी दर्ज की गई। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड रायपुर द्वारा जीआईएस पद्धति को प्रमाणित करते हुए तकनीकी प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
