प्रतापगढ़ में रेत घोटाला: सरपंच-सचिव पर 60 लाख रुपये के गबन का आरोप

सरपंच-सचिव पर 60 लाख रुपये के गबन का आरोप
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जांच के लिए पहुंचे अफसर

प्रतापगढ़ में सरपंच और सचिव पर रेत मद से 60 लाख रुपये गबन करने का आरोप है, उपसरपंच के नेतृत्व में जनपद पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंप दिया गया है।

अनिल उपाध्याय - सीतापुर। क्षेत्र के ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ में बड़ा रेत घोटाला सामने आया है। सरपंच और सचिव ने मिलकर ग्राम पंचायत के रेत मद में जमा 60 लाख रुपये फर्जी तरीके से गबन कर लिए। यह पूरा मामला आचार संहिता लागू होने के बाद का है, जब सरपंच और सचिव के सभी वित्तीय अधिकार शून्य हो चुके थे।

आचार संहिता के बावजूद की गई फर्जी निकासी
चौंकाने वाली बात यह है कि आचार संहिता लागू होने के बाद भी सरपंच और सचिव ने पंचायत खाते से बार-बार फर्जी भुगतान दिखाते हुए लाखों रुपये आहरित कर लिए। जबकि इस अवधि में ग्राम पंचायत से संबंधित सभी कार्य प्रतिबंधित रहते हैं। जानकारी के अनुसार, सरपंच-सचिव ने मजदूरों को भुगतान के नाम पर फर्जी मस्टर रोल बनाकर यह रकम निकाली।

शासन से मिली थी रेत खनन की लीज
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2024-25 में शासन द्वारा ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ को मांड नदी से रेत खनन के लिए पांच साल की लीज दी गई थी। इस लीज के तहत सरपंच को पंचायत खाते में रॉयल्टी और मजदूरी भुगतान के लिए राशि जमा करनी थी। एक सड़क ठेकेदार ने लगभग 80 लाख रुपये रॉयल्टी के रूप में पंचायत खाते में जमा कराए थे, वहीं अन्य रेत व्यापारियों ने भी लाखों रुपये जमा किए थे।

रॉयल्टी की राशि पर डाला डाका
हालांकि सड़क ठेकेदार ने रॉयल्टी जमा करने के बाद रेत का उठाव नहीं किया, जिससे पंचायत के खाते में लाखों रुपये जमा रह गए। इसी रकम को देखकर सरपंच और सचिव ने रॉयल्टी की राशि को ठिकाने लगाने की साजिश रची। पहले मजदूरों के भुगतान के नाम पर लाखों रुपये निकाले गए, और जब किसी ने विरोध नहीं किया तो बार-बार फर्जी आहरण करते हुए कुल 60 लाख रुपये गबन कर लिए गए।

उपसरपंच ने उठाई जांच की मांग
मामले की जानकारी मिलते ही उपसरपंच 'सुनील अग्रवाल' ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ सरपंच और सचिव से रेत मद का पूरा हिसाब और मजदूर भुगतान का मस्टर रोल मांगा। लेकिन दोनों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इसके बाद उपसरपंच के नेतृत्व में पंचों और ग्रामीणों ने जनपद पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपा और जांच की मांग की।

पंचायत खाता किया गया ब्लॉक
इस पूरे मामले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) 'खुशबू शास्त्री' ने बताया कि, 'ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ के खाते को तत्काल प्रभाव से ब्लॉक कर दिया गया है, खनिज विभाग के सहयोग से जांच शुरू कर दी गई है, और अगर आवश्यकता पड़ी तो उच्चाधिकारियों का सहयोग लेकर विस्तृत जांच भी कराई जाएगी।'

प्रशासन हुआ सख्त
आचार संहिता के दौरान इतने बड़े पैमाने पर हुए इस 60 लाख के बालू घोटाले ने प्रशासन को सख्त कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में पंचायत स्तर पर ऐसी वित्तीय अनियमितताएं दोबारा न हों।

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