नोटों से भरा बैग पार: शादी में बिन बुलाए मेहमान बने चोर

शादी समारोह
रायपुर। शादी सीजन शुरू होने के साथ ही मध्यप्रदेश, राजगढ़ के चोर गिरोह ने अपनी आमद दर्ज करा दी है। चोर गिरोह के शातिरों ने गुढ़ियारी स्थित एक मैरिज कार्यक्रम में कैश एक लाख, महंगे मोबाइल तथा उपहार में मिले गिफ्ट कैश से भरे पर्स चोरी कर ले गए। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस अपराध दर्ज कर घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल कर रही है।
नितेश राजपूत ने चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। नितेश ने पुलिस को बताया है कि छह नवंबर को वह परिवार के साथ साले पुष्पेंद्र गंजीर की शादी में शामिल होने के लिए गया था। शादी समारोह ओशो मैरिज गार्डन में आयोजित था। घटना दिनांक को शाम के समय आशीर्वाद समारोह में नितेश ने कैटरिंग तथा टेंट कर्मचारियों को देने के लिए एक लाख रुपए अपनी पत्नी नेहा को दिए थे। जिस पर्स में नेहा लोगों से मिले उपहार की राशि रख रही थी, उसी पर्स में उसने अपने पति द्वारा दिए गए कैश भी रख दिए।
व्यस्तता का फायदा उठाकर पर्स चोरी कर ले गया चोर
नोटों से भरे पर्स में नेहा ने अपना मोबाइल रखकर एक कुर्सी पर रख दिया और किसी काम से उठकर गई। वापस आने पर उसने देखा, कुर्सी से पर्स गायब है। इसके बाद उसने इसकी जानकारी अपने पति को दी। नितेश तथा अन्य परिजन ने आसपास उपस्थित लोगों से पर्स के संबंध में पूछताछ की, लेकिन पर्स का पता नहीं चला। रात 10 से 11 बजे के बीच पर्स चोरी होने की घटना हुई है।
ठाठ ऐसा कि कोई पहचान न पाए
चोरी करने वाले जहां चोरी करने जाते हैं, वहां सूट-बूट पहनकर पहुंचते हैं। गिरोह में महिलाओं के साथ बच्चे भी शामिल रहते हैं। जो चोरी करता है, वह बैग अपने साथी को थमा देता है। इसके बाद चोर समारोह स्थल के बाहर अपने साथी को चोरी का माल थमा देता है। वह आदमी माल लेकर तत्काल राजगढ़ के लिए रवाना हो जाता है। यही कारण है कि पकड़े जाने के बाद भी गिरोह के लोगों से चोरी का माल बरामद नहीं होता।
सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की जा रही
क्राइम डीएसपी संजय सिंह ने बताया कि, शादी समारोह में चोरी करने वाले गैंग को लेकर सभी थानों को अलर्ट किया गया है। गुढ़ियारी में चोरी की घटना की पड़ताल के लिए घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की जा रही है।
राजगढ़ के इस शहर से आते हैं चोर
शादी समारोह में चोरी करने वाला गिरोह राजगढ़ के पचोर शहर से हर वर्ष आता है। गिरोह में शामिल सदस्य जिस शहर में चोरी करते हैं, उस शहर में रहने के लिए अपना ठिकाना नहीं बनाते। गिरोह के शातिर संबंधित शहर के पड़ोसी जिले में किराए के मकान या लॉज में रहते हैं। गिरोह के सदस्य इतने शातिर होते हैं कि जहां चोरी करने के लिए जाना होता है, वहां दो से तीन की संख्या में पहुंचते हैं और पलक झपकते ही चोरी की वारदात करते हैं। चोर गिरोह से जुड़े लोग जहां चोरी करने जाते हैं, वहां निगरानी कर जिम्मेदारों की जानकारी जुटाते हैं। समारोह में जो जिम्मेदार रहते हैं, चोर उन्हें टारगेट कर चोरी करते हैं।
