पीएम आवास में गड़बड़ी: मैनपुर ब्लॉक में 5 आवास मित्र, 1 रोजगार सहायक बर्खास्त

पीएम आवास में गड़बड़ी :  मैनपुर ब्लॉक में 5 आवास मित्र, 1 रोजगार सहायक बर्खास्त
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पीएम आवास के कार्य का प्रोग्रेस दिखाने मई महीने में की गई गड़बड़ी के खुलासे के बाद अब जिला प्रशासन हरकत में आ गया है।

मैनपुर। पीएम आवास के कार्य का प्रोग्रेस दिखाने मई महीने में की गई गड़बड़ी के खुलासे के बाद अब जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। जिला पंचायत गरियाबंद सीईओ प्रखर चंद्राकर ने इस मामले को गंभीरता से लिया और 4 सदस्यीय जांच टीम ने देर रात तक पंचायतों में जाकर रिपोर्ट तैयार किया। अफसरों की टीम में पद्मिनी हरदेल, बुद्धेश्वर साहू, जितेंद्र पाठक और अजित शर्मा शामिल रहे।

जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला सीईओ के निर्देश के बाद मैनपुर जनपद सीईओ श्वेता वर्मा ने ग्राम पंचायत खजूर पदर के आवास मित्र नरोत्तम यादव, सरईपानी के धनेश्वर यादव, नवापारा के प्रमोद कुमार नागेश, बजाड़ी के दयानंद यादव, मूचबहाल के सत्यवान साहू और धोबनमाल पंचायत के रोजगार सहायक खीरसिंह बघेल को रविवार से सेवा से बर्खास्त कर दिया है। जियो टैगिंग तकनीकी सहायक के निरीक्षण में होता है, ऐसे में इन क्षेत्र में कार्यरत तकनीकी सहायक दीपक ध्रुव, अजित ध्रुव और प्रणय कुमार पर भी जवाबदेही तय कर नोटिस जारी किया गया है। चूंकि आवास के प्रगति को बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया, कुछ में आवास भी दूसरे के पाए गए। क्रियान्वयन की जवाबदारी सरपंच सचिव की भी थी

संलिप्त सभी पर होगी कार्रवाई
गरियाबंद के जिला पंचायत सीईओ प्रखर चंद्राकर ने मामले को लेकर कहा कि गड़बड़ी पाई जाने पर 5 पंचायतों के आवास मित्र, 1 रोजगार सहायक को सेवा से बर्खास्त किया गया है। गड़बड़ी के लिए अन्य जवाबदार तकनीकी सहायक, सरपंच, सचिव की जवाबदारी तय की गई है. उनसे जवाब तलब किया गया है। जवाब संतोष प्रद नहीं मिलने पर संलिप्त सभी पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

अफसर बदलते ही बदला काम का तरीका
साल 2025 की शुरुआत से ही पीएम आवास सरकार की प्राथमिकता में आ गया। जिले में कुल 42 हजार आवास मिले साल खत्म होने से पहले इसे पूरा करने का लक्ष्य था मार्च महीने में बजट आबंटित होते ही शासन ने प्रगति रिपोर्ट मांगना शुरू किया। गरियाबंद रैंकिंग के 17 वे पायदान में था अप्रैल से लेकर जून महीने तक जियो टैगिंग कर प्रोग्रेस ऐसा दिखाया की जिला का रैंक दो पायदान ऊपर आ गया है। इस समय तक आवासों को कागजों में प्रगति दिखाया जाता था। जिला सीईओ बदलने के बाद कमान आईएसएस प्रखर चंद्राकर के हाथों आई। इस बदलाव के साथ काम का तरीका बदल गया। लेकिन हजारों की संख्या में बन रहे आवास के बीच आवास मित्र कुछ घरों के प्रगति को बोगस तरीके से दिखाते रहे।

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