प्ले स्कूल जिला शिक्षा कार्यालय के अधीन: तीन साल से छोटे बच्चों को दाखिला नहीं, दंड भी प्रतिबंधित

प्ले स्कूल जिला शिक्षा कार्यालय के अधीन : तीन साल से छोटे बच्चों को दाखिला नहीं, दंड भी प्रतिबंधित
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प्ले स्कूलों को जिला शिक्षा कार्यालय के अधीन कर दिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संदर्भ में आदेश जारी किया गया।

रायपुर। लंबी कवायद के बाद अंततः प्ले स्कूलों को जिला शिक्षा कार्यालय के अधीन कर दिया गया है। बुधवार को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिया गया। प्ले स्कूलों से संबंधित नियम निर्धारित करने कुछ माह पूर्व कमेटी गठित की गई थी। इसके पूर्व तक इस बात पर कश्मकश की स्थिति थी कि प्ले स्कूल को स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन किया जाएगा अथवा महिला एवं बाल विकास विभाग इसकी निगरानी करेगा? अब आदेश जारी होने के साथ ही इस संदर्भ में स्थिति स्पष्ट हो गई है।

स्कूल शिक्षा विभाग ही प्ले स्कूलों की मॉनिटरिंग करेगा। जिला स्तर पर इसकी जिम्मेदारी जिला शिक्षा कार्यालयों की होगी। उन्हें इस संदर्भ में आदेश भी प्रेषित कर दिया गया है। आदेश के साथ ही वह नियमावली भी प्रेषित कर दी गई है, जिसमें उन बिंदुओं का जिक्र है, जिस के अनुसार प्ले स्कूलों का संचालन किया जाना है। आदेश जारी होने के तीन माह के भीतर प्रदेशभर में संचालित प्ले स्कूलों को तीन माह के भीतर जिला शिक्षा कार्यालय में पंजीयन के लिए आवेदन देना होगा। गौरतलब है कि हरिभूमि ने पहले ही यह जानकारी अपने पाठकों को दी थी कि प्रदेश में प्ले स्कूल एक्ट तैयार किया जा रहा है तथा इनके लिए भी नियमावली तैयार होगी।

स्कूल शिक्षा विभाग ने लागू किया प्ले स्कूल एक्ट, हरिभूमि पहले ही दे चुका था जानकारी

  1. पंजीयन के लिए आवेदन करने नाम के आगे प्ले स्कूल अनिवार्य रूप से लिखना होगा।
  2. शिक्षकों की शैक्षणिक एवं व्यावसायिक योग्यता राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा पूर्व प्राथमिक विद्यालयों के लिए जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप हो।
  3. कोई भी बालक अथवा बालिका जिनकी आयु तीन वर्ष से कम हो, उनका दाखिला प्ले स्कूल अथवा पूर्व माध्यमिक शाला में नहीं किया जा सकेगा। अर्थात यहां एडमिशन के लिए न्यूनतम आयु 3 वर्ष निर्धारित है। आयु निर्धारण के लिए शासन के नियमानुसार दस्तावेज मान्य रहेंगे।
  4. किसी भी बच्चे को शारीरिक दंड नहीं दिया जा सकेगा। किसी भी रूप में उनका मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जा सकेगा।
  5. पालक-शिक्षक समिति का गठन अनिवार्य होगा। इसका कार्यकाल एक वर्ष का होगा। इसमें 75 प्रतिशत पालक और 25 प्रतिशत शिक्षक होंगे। पालकों में भी 75 प्रतिशत महिलाएं होंगी।
  6. समिति बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ वातावरण सहित खेल-खेल में शिक्षा दिया जाना सुनिश्चित करेंगे। समिति की त्रैमासिक बैठक होगी, जिसके बिंदु रजिस्टर में दर्ज करने होंगे।
  7. प्ले स्कूल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे।

चार घंटे से अधिक कक्षा नहीं
प्ले स्कूल का समय तीन से चार घंटे ही होगा। इससे अधिक समय तक कक्षाएं संचालित नहीं की जा सकेंगी। नियमों के साथ उन सुविधाओं की सूची भी जारी की गई है, जिनका प्ले स्कूलों में होना अनिवार्य है। स्कूल के सभी कमरे हवादार होने चाहिए। बालक और बालिकाओं के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। बच्चों के लिए पृथक आराम कक्ष, सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल सुविधा, प्ले ग्राउंड, फर्स्ट एड किट, अग्निशमन यंत्र, बाउंड्रीवॉल, पेस्ट कंट्रोल जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं होनी चाहिए। पुस्तकालय, खेल सामग्री भी बच्चों की संख्यानुसार उपलब्ध होनी चाहिए।

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