पटवारी से आरआई बनने तिकड़मबाजी: आठ और अधिकारी-कर्मचारियों पर जुर्म

पटवारी से आरआई बनने तिकड़मबाजी : आठ और अधिकारी-कर्मचारियों पर जुर्म
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आरआई प्रमोशन घोटाले में दो की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में शामिल आठ अन्य अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ ईओडब्लू, एसीबी ने अपराध दर्ज किया है।

रायपुर। आरआई प्रमोशन घोटाले में दो की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में शामिल आठ अन्य अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ ईओडब्लू, एसीबी ने अपराध दर्ज किया है। जिनके खिलाफ अपराध दर्ज हुए हैं, उनकी गिरफ्तारी कभी भी संभव है। वैसे, पूरे मामले में 18 अधिकारी-कर्मचारियों के शामिल होने की बात सामने आई है। इनमें से अब तक दस पर केस दर्ज हुए हैं। बाकी की संलिप्तता की जांच की जा रही है।सूत्रों के मुताबिक परीक्षा में शामिल उन पटवारियों पर भी कार्रवाई प्रस्तावित है, जिन्हें कथित अनियमितता के जरिए प्रमोशन दिया गया।

एक मामले में फेल हुए पटवारी को बाद में पास कर दिया। इसी तरह पति-पत्नी और कुछ जगह भाइयों को साथ बैठाया गया। आरआई प्रमोशन घोटाला में ईओडब्ल्यू की टीम ने 19 नवंबर को सात जिलों के 19 ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापे की कार्रवाई में ईओडब्लू को घोटाले से संबंधित दस्तावेज के साथ तकनीकी सबूत मिले। जांच एजेंसी के दावों के मुताबिक प्रमोशन परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई और प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले ही लीक किए गए थे। पटवारियों को पास करने के लिए रिश्तेदारों को एक ही परीक्षा केंद्र में लाइन से बैठाया गया। यही कारण है कि कई अभ्यर्थियों को एक समान अंक मिले।

इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
जिन लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज की गई है उनमें तत्कालीन आयुक्त सांख्यिकी प्रेमलता पद्माकर, सहायक आयुक्त हरमन टोप्पो, सहायक अधिकारी वीरेंद्र जाटव, क्लर्क आशीष प्रकाश ब्रजपाल, मानचित्रकार रामाज्ञा यादव, आरआई लीला देवांगन, क्लर्क ईश्वर लाल ठाकुर, हेमंत कौशिक, जयंत यादव और राकेश डड़सेना चपरासी सहित अन्य शामिल हैं। इनमें वीरेंद्र जाटव और हेमंत कौशिक की पूर्व में गिरफ्तारी हो चुकी है।

यह है पूरा मामला
पटवारी से आर आई प्रमोशन लिखित परीक्षा पिछले वर्ष 7 जनवरी 2024 को आयोजित की गई थी। प्रमोशन परीक्षा में ढाई हजार से ज्यादा पटवारी शामिल हुए। परीक्षा परिणाम 29 फरवरी 2024 को जारी किया गया। जारी परिणाम में 216 अभ्यर्थियों को चयनित घोषित किया गया। अंतिम चयन में 13 अभ्यर्थियों का नाम शामिल किया गया। अंतिम चयन के बाद 22 लोगों को नियुक्ति दे दी गई, इसके बाद विवाद शुरू हुआ। घोटाला सामने आने के बाद शासन ने जांच के आदेश दिए।

इस तरह से की गई परीक्षा में गड़बड़ी
आरआई प्रमोशन परीक्षा के लिए दो बार पाठ्यक्रम जारी हुआ, पर दोनों में भुइयां सॉफ्टवेयर का उल्लेख नहीं था। इसके बावजूद इससे जुड़े 7 प्रश्न पूछे गए। ओएमआर शीट पर किसी प्रकार का चिन्ह, नाम या रोल नंबर लिखने की मनाही थी, फिर भी कई ओएमआर शीट पर मोबाइल नंबर लिखा गया, जो इस प्रकार से हैं।

  1. रोल नंबर 240921 हर्षवर्धन गोटे को चयन सूची में शामिल किया गया, पर बाद में नाम हटा दिया गया।
  2. रोल नंबर 241921 पवन कुमार नेताम का नाम मैनुअल एंट्री के आधार पर चयन सूची में जोड़ा गया।
  3. रोल नंबर 241797 व 241798 दोनों भाई हैं और दोनों को एक साथ बिठाया गया।
  4. रोल नंबर 241975-241976, 241770-241771, 240779-240780 भी एक ही परिवार के और एक साथ बैठे मिले।
  5. रोल नंबर 241377 व 241370, दोनों भाई हैं, एक ही सेंटर पर परीक्षा दी और दोनों को 88 अंक प्राप्त हुए।
  6. रोल नंबर 240319, 240061, 241785 क्रमशः जीजा, दीदी और साली तीनों ने एक ही कक्ष में परीक्षा दी।
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