मुढ़ी पंचायत के सचिव पर लगे गंभीर आरोप: गड़बड़ी की जांच करने पहुंची टीम तो समर्थकों ने किया विरोध, उल्टे पांव लौटे अधिकारी

मुढ़ी पंचायत में जांच टीम और ग्रामीणों के बीच विवाद
अजय सूर्यवंशी- जशपुर/ बगीचा। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के ग्राम मुढ़ी में पंचायत गड़बड़ी की जांच के लिए अफसरों की टीम पहुंची। इस दौरान टीम और ग्रामीणों के बीच जमकर विवाद हो गया। जिसके बाद जांच किए बगैर ही अधिकारी उल्टे पांव लौट गए। गांव के ही कुछ ग्रामीणों ने पंचायत सचिव पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं जिसकी शिकायत के बाद ही टीम जांच करने पहुंची थी।
ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि, ग्राम पंचायत मुढ़ी के ग्रामीणों ने पिछले दिनों कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पंचायत में अनियमितताओं के संबंध में विभिन्न बिंदुओं पर तिम्नलिखित शिकायत की थी। जिसमें कहा गया कि, इस पर पंचायत सचिव कमलनारामण यादव 1996 से लेकर 2025 तक मुढी पंचायत में पदस्थ हैं। जो अपने पिता गोपाल राम के नाम पर वन अधिकार पट्टा बनवाकर ग्रामीणो को तंग करते हैं।
दस- दस हजार उगाही के आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि, सचिव कई कामों में लापरवाही करते हुए 15वें वित्त की राशि को भी हड़पने लिया है। जिसकी सूचना ग्राम सभा में भी नहीं दिया जाता है। साथ ही सचिव आंगनबाड़ी सहायिका नियुक्ति में भी अपने करीबियों को लाभ पहुंचाता है। इतना के नहीं उन्होंने गांव में वन अधिकार पट्टा के नाम पर ग्रामीणों से दस- दस हजार उगाही किया है।
बिना जांच के वापस लौटे अफसर
पीड़ित ग्रामीणों ने मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग लेकर कलेक्टर के समक्ष गए थे। जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने 4 सदस्यीय टीम बनाकर ग्राम पंचायत मुढ़ी भेजा। इस दौरान जैसे ही जांच टीम ने जांच शुरू की तो ग्रामीणों और अफसरों के बीच विवाद की स्थिति बन गई। माहौल को बिगड़ते देख अफसर बिना जांच किए गांव से निकल गए।
थाने में की शिकायत
इस दौरान भी आक्रोशित ग्रामीणों ने थाना चौकी पण्ड्रापाठ जाकर कमलनारायण सचिव और सहयोगी के खिलाफ शिकायत की मांग की। ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा- पंचायत सचिव कमल नारायण के कहने पर कई ग्रामीणों ने आवेदकों के साथ गाली- गलौज कर मारपीट की थी। जिसके कारण भय का माहौल बन गया और जांच टीम भी वापस चली गई।
