धान खरीदी पर बड़ी खबर: किसानों को 9 नवंबर से ऑनलाइन मिलेगा टोकन

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ वर्ष 2025-26 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने के पहले 9 नवंबर से किसानों को धान बेचने के लिए ऑनलाइन माध्यम से टोकन मिलने शुरू हो जाएंगे। इससे पहले खाद्य विभाग खरीदी के लिए बने सॉफ्टवेयर का ट्रायल रन करने वाला है।
राज्य में धान खरीदी के लिए सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। 15 नवंबर से धान खरीदी शुरु होने से पहले कई आवश्यक कार्यों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सरकार ने इस साल पहली बार किसानों को धान बेचने के लिए ऑनलाइन टोकन देने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था के संबंध में कहा जा रहा है कि अब किसानों को अपना धान बेचने के लिए सोसाइटियों में लंबी-लंबी लाइन लगाने की जरूरत नहीं होगी। खरीदी की पूरी प्रक्रिया बायोमैट्रिक सिस्टम से होगी
सॉफ्टवेयर का ट्रायल रन
ऑनलाइन सिस्टम से धान खरीदी के लिए सरकार जो व्यवस्था बना रही है, उसका अहम हिस्सा है खरीदी का सॉफ्टवेयर। बताया गया है कि खाद्य विभाग 4 नंवबर से 8 तक सॉफ्टवेयर का ट्रायल रन करने वाला है। यह इसलिए कि किसान जब धान बेचने आए तो उन्हें किसी तकनीकी गड़बड़ी का शिकार न होना पड़े। ट्रायल रन पूरा होने के बाद अगले ही दिन यानि 9 नवंबर से किसानों को ऑनलाइन टोकन देने का काम शुरु हो जाएगा। सरकार ने यह फैसला भी किया है कि छोटे किसानों को पहले टोकन दिए जाएंगे। 10 एकड़ से कम जमीन वाले किसान छोटे किसानों की श्रेणी में शामिल होंगे।
एग्रीस्टेक से छूट, कैबिनेट का फैसला
उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें, तो राज्य सरकार के कैबिनेट की पिछले दिनों हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि कुछ खास श्रेणी के किसानों को एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन और फार्मर आईडी से छूट रहेगी। इनमें वनाधिकार पट्टाधारी किसान, डुबान क्षेत्र के किसान, शासकीय पट्टेदार, पब्लिक ट्रस्ट (संस्थागत पंजीयन अंर्तगत पंजीकृत लोक न्यास) और रेगहा-अधिया वाले किसान शामिल होंगे। बताया गया है कि यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है, क्योंकि इन श्रेणी के किसानों का एग्रीस्टेक में पंजीयन नहीं हो पाता है।
