किसान ने फांसी लगाकर की आत्महत्या: मंडी बिचौलिया पर लगे प्रताड़ित करने के आरोप, छह दिन बाद भी गिरफ़्तारी नहीं, न्याय की आस में परिजन

मीडिया से चर्चा करते हुए पीड़ित परिवार ने लगाई न्याय की गुहार
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मीडिया से चर्चा करते हुए पीड़ित परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

राजनांदगांव जिले में किसान के प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने के मामले में अब तक आरोपियों की गिरफ़्तारी नहीं हुई है। परिजन छह दिन बाद न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

अक्षय साहू- राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले से किसान के आत्महत्या का मामला सामने आया है। यहां के सिंघोला धान खरीदी केंद्र के पास पेड़ पर किसान रामखिलावन साहू फांसी के फंदे से झूल गया। मौके से मृतक के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने मंडी बिचौलिया पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। घटना के छह दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है। धीमी कार्यशैली से नाराज परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई है।

रामखिलावन साहू ने (49) के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ है। नोट में लिखा- मंडी बिचौलिया उमेश पालीवाल और रमेश पालीवाल दोनों भाई ने मुझे मानसिक प्रताड़ित किया। मेरी इज्जत पर कीचड़ उछाला, मुझे जगह- जगह बदनाम कर रहे हैं। मैं उसके कारण टेंशन में रह रहा हूँ, उसकी वजह से मेरा व्यापार बंद हो गया। मैं उसके नाम से सुसाइड कर रहा हूँ। मृतक राम खिलावन के पास से एक और सुसाइड नोट मिला है। जिसमें लिखा है- आरके ज्वेलर्स रुपये के लिए प्रताड़ित कर रहा है, अपने आदमी को कल मेरे घर भेजा था।

प्रताड़ना से तंग आ गया था मृतक
रामखिलावन किसान के साथ धान के व्यापारी थे, हर साल मंडी में धान खरीद- बिक्री करते थे। इस बार भी उन्होंने अच्छी मात्रा में धान बेचा था, लेकिन पैसा इन साहूकारों के पास फंस गया। जब वापसी की मांग की तो उल्टे धमकियां मिलने लगीं। जिन्हें पैसे लौटाने थे उन सूदखोरों के द्वारा घर पर गुंडे भेजे जाते थे, गाली-गलौज होती थी। लगातार मानसिक प्रताड़ना के चलते रामखिलावन अवसाद में चले गए थे। आखिरकार उसने अपमान से बचने के लिए उसने मौत का रास्ता चुन लिया।


छह दिन बाद अब तक गिरफ़्तारी नहीं हुई
मामले को छह दिन बीत गए हैं लेकिन सुसाइड नोट अब भी पुलिस की फाइल में बंद पड़ा है। अब तक किसी की गिरफ़्तारी तो दूर, बयान तक नहीं लिया गया है। मामले में सुरगी पुलिस चौकी प्रभारी शंकर गिरी गोस्वामी ने कहा- सुसाइड नोट को हैंडराइटिंग एक्सपर्ट्स के पास भेजने की तैयारी की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।


परिवार ने लगाई न्याय की गुहार
पुलिस की धीमी कार्रवाई से परिजन नाराज हैं वे इस हालत में है की कुछ कह भी नहीं पा रहे हैं। उनका कहना है कि, नोट में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इसी बीच मृतक के भतीजे ताराचंद ने कहा- चाचा को आत्महत्या के लिये मजबूर करने वालों का नाम लिखकर मर गए। अब पुलिस कह रही है- पहले यह पता करेंगे कि, लिखावट उनकी ही है या नहीं। उसने आगे कहा- पुलिस की धीमी कार्यशैली के कारण इंसाफ मिलने में देरी हो रही है।

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