जब चाहे तब नहीं कर पाएंगे धरना-प्रदर्शन: व्यक्ति, संस्था, समिति, संगठन सभी को 7 दिन पहले लेनी होगी अनुमति

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब किसी भी जगह बिना अनुमति धरना प्रदर्शन रैली वगैरह नहीं कर सकेंगे। खास बात ये है क्षेत्रों के लिए लागू होगी। इस संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। यह नियम एक समय में अधिकतम 500 से अधिक कि यह व्यवस्था राज्य के नगरीय व्यक्तियों के जमाव एवं 5 हजार वर्गफीट के स्थान वाले आयोजनों पर लागू होगा। इस संबंध में प्रदेश के सभी नगर निगम आयुक्त, पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।
आयोजन से सात दिन पहले आवेदन देना होगा
नियम में यह बात भी शामिल है कि, आयोजन के लिए संबंधित निकायों को सात दिन पहले आवेदन देना अनिवार्य होगा। आवेदन पत्र के साथ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, थाना प्रभारी, जिला सेनानी होमगार्ड (अग्निशमन) विद्युत विभाग से अनापत्ति प्रमाण आवेदन के साथ देना होगा। आयोजन के लिए निकाय द्वारा तय शुल्क भी अदा करना पड़ेगा। नियम में कहा गया है कि पंडालों, अस्थाई संरचना में लोक सुरक्षा के दृष्टि कोण से यथासंभव सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएँ। पंडालों, अस्थाई संरचनाओं के निर्माण में ज्वलनशील सामग्री जैसे सूखी घास, बिना अग्निरोधक उपचार वाला पतला वस्त्र तथा अत्यधिक प्लास्टिक सजावट का प्रयोग यथासंभव न्यूनतम किया जाए। पंडालों की संरचना इतनी सुदृढ़ होनी चाहिए कि वह अपेक्षित वायु-दाब एवं आगंतुकों के दबाव को सहन करने में सक्षम हो। जटिल या विशाल संरचनाओं के लिए निकायो द्वारा संरचनात्मक स्थायित्व प्रमाण-पत्र लिया जाना होगा।
अब बिना अनुमति ये नहीं कर सकते
छत्तीसगढ़ में अब कोई भी व्यक्ति संस्था, समिति या संगठन किसी खुले सार्वजनिक मैदान, सार्वजनिक मार्ग, फुटपाथ, चौराहे या सार्वजनिक खुले स्थान पर पंडाल या अस्थायी संरचना बनाकर धरना जुलूस, सभा, रैली बिना अनुमति नहीं कर सकेगा। इन स्थानों पर अनुमति प्राप्त करने के लिए एक निर्धारित प्रारूप में आवेदन देकर तिथि, समय, स्थान एवं शर्तों का पूर्ण पालन करने होगा। इसके लिए स्व घोषणा पत्र भी देना होगा। यही नहीं अब आवेदन में ये भी बताना होगा कि आयोजन का उद्देश्य क्या है। जहां ये करना है वहां का नक्शा, सुरक्षा योजना, एवं स्वच्छता का उल्लेख अनिवार्य रूप से करना होगा।
अनुमति किसी भी समय निरस्त हो सकती है
आवेदन, अनुमति के बाद भी ये प्रावधन है कि इसे किसी भी समय निरस्त किया जा सकता है। आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा दी गई अनुमति के बावजूद आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी किसी भी समय दी गई अनुमति को सकारण निरस्त कर सकेगा। पंडालों में आयोजित होने वाले किसी विशिष्ट आयोजनों हेतु सक्षम स्वीकृति पृथक से प्राप्त किया जायेगा। इसके अतिरिक्त सक्षम प्राधिकारी उक्त शर्तों के अतिरिक्त अन्य शर्ते जिला कलेक्टर एव पुलिस अधीक्षक की सहमति से जोड़ सकेंगे साथ ही शासन के विभिन्न विभागीय अधिनियम, नियमों एंव समय समय पर जारी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
पंडाल डाला तो ये व्यवस्था जरूरी
नियम में कहा गया है कि पंडाल, अस्थाई संरचना को स्थिर, सुरक्षित एवं यथासंभव अग्निरोधी सामग्री से बनाया जाना होगा। पंडालों, अस्थाई संरचनाओं हेतु अनुमति प्रदान करते हुए यथासंभव मुख्य सड़क या चौराहे में यह अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी यदि प्रदान की जाती है तो उक्त हेतु वैकल्पिक मागों का चिन्हांकन किया जाना अनिवार्य होगा। आयोजन समिति या आयोजक का यह अनिवार्य दायित्व होगा की आयोजन समाप्ति के पश्चात तत्काल स्थल पर साफ-सफाई कराएं। आयोजन समिति द्वारा स्थानीय नगरीय निकाय के परामर्श से अस्थायी शौचालयों, जलापूर्ति एवं अपशिष्ट प्रबंधन की समुचित व्यवस्था करनी होगी। किसी भी पंडाल का निर्माण विद्युत तारों के ठीक नीचे नहीं किया जाएगा।
आयोजन समिति की ये जिम्मेदारी होगी
आयोजन समिति या आयोजक का यह अनिवार्य दायित्व होगा की आयोजन समाप्ति के पश्चात तत्काल स्थल पर साफ-सफाई करावे एवं स्थल को मूल स्वरूप में लाए, किसी भी प्रकार की संरचना, खुदाई को स्थाई ना रखे जिससे कि भविष्य में किसी दुर्घटना या अप्रिय स्थिति निर्मित हो या धार्मिक दावो के रूप में इस्तेमाल किया जाये । किसी भी परिस्थिति में पंडालों में प्रवेश एवं निकास बिंदुओं को स्पष्ट रूप से चिहिनत किया जाना चाहिए। साथ ही पंडाल ऐसे स्थानों पर स्थापित नहीं किए जाएंगे, जहाँ यातायात, आपातकालीन पहुंच या सार्वजनिक उपयोग की सेवाओं में अवरोध उत्पन्न हो। आयोजन समिति द्वारा स्थानीय नगरीय निकाय के परामर्श से अस्थायी शौचालयों, जलापूर्ति एवं अपशिष्ट प्रबंधन की समुचित व्यवस्था की जानी अनिवार्य होगी। इस हेतु आयोजन समिति संसाधन की उपलब्धता के अनुसार निकाय से सशुल्क सहयोग प्राप्त कर सकेगी।
