शुभ संयोगों से सजा रहेगा नया साल: 17 मई से 15 जून तक पुरुषोत्तम मास, पहले 6 माह हर त्योहार 10 दिन पहले पड़ेंगे, संक्रांति 15 जनवरी को

नया साल 2026
संगीता मिश्रा- भिलाई। नया साल 2026 धार्मिक आस्था, व्रत-त्योहारों और शुभ मुहूतों की दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है। वर्ष की शुरुआत मकर संक्रांति और वसंत पंचमी से होगी, जबकि दीपावली, नवरात्रि, होली और छठ जैसे बड़े पर्व सालभर श्रद्धा और उत्साह का वातावरण बनाए रखेंगे। वहीं विवाह, गृह प्रवेश और नए कार्यों के लिए भी 2026 में कई शुभ अवसर बनेंगे। वहीं इस साल पुरुषोत्तम मास 17 मई से शुरू होकर 15 जून तक रहेगा। साथ ही 2025 की तुलना में इस बार होली 10 दिन पहले तो दिवाली 17 दिन बाद आएगी। नववर्ष शादी-विवाह के लिए शुभ योगों से भरपूर रहेगा।
ज्योतिषाचायों के अनुसार इस वर्ष कई ऐसे अवसर बनेंगे, जब बिना किसी पंचांग दोष के विवाह संपन्न किए जा सकेंगे। विशेष रूप से अबूझ मुहूतों के कारण लोगों को अलग से शुभ समय देखने की आवश्यकता नहीं होगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 2026 धार्मिक दृष्टि से विशेष फलदायी रहेगा। इस वर्ष शुभ योगों में किए गए कार्य लंबे समय तक स्थिरता और सफलता देंगे।

मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी को ज्यादा बदलाव नहीं
आचार्य संदीप तिवारी ने बताया कि महावीर पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति सूर्य (सौर वर्ष) पर आधारित पर्व है इसलिए इस बार 15 जनवरी को ही संक्रांति मनाई जाएगी, जो अत्यंत लाभकारी होगा। जिसका पुण्यकाल 14 जनवरी की रात 9 बजकर 19 मिनट पर शुरु होगा, जिसके साथ ही सूर्य उत्तरायण हो जायेगे, और खारवास समाप्त हो जाएगा। इस कारण 15 को ही संक्रांति मनाई जायेगी। सूर्य चक्र के अनुसार कई बार संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाती है।
2026 में पहले 6 माह त्योहार 10 दिन पहले, फिर 18 दिन की देरी से
यूं तो हर साल त्योहारों की तिथियों में बदलाव होता है, लेकिन 2026 हिंदी पंचांग के महीनों के हिसाब से अधिकमास वाला साल होगा। इस साल दो ज्येष्ठ माह होने से यह साल 13 महीने का होगा। इस कारण शुरू के 6 माह में वर्ष 2025 की तुलना में अधिकांश त्योहार 10 दिन पहले और बाद के 6 माह में होने वाले त्योहार 16 से 18 दिन तक की देरी से आएंगे। 2025 में होली 14 मार्च को थी, पर 2026 में यह 4 मार्च को होगी। इसी तरह 2025 में दीपावली 20 अक्टूबर के थी, अब अगले वर्ष 8 नवंबर को यानी 17 दिन की देरी से आएगी। त्योहारों की तिथियों को देखने के बाद ही परीक्षाओं के टाइम-टेबल तैयार होते हैं।
गृह प्रवेश एवं भूमि पूजन
गृह प्रवेश के लिए बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया, दशहरा और देवउठनी एकादशी को सर्वोत्तम माना गया है। इन दिनों पंचांग दोष नहीं होते, इसलिए अलग मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती।
यात्रा और नए कार्य का शुभ समय
नए व्यापार, नौकरी जॉइनिंग, वाहन खरीद और लंबी यात्रा के लिए पुष्य नक्षत्र, रवि पुष्य योग और गुरु पुष्य योग 2026 में विशेष फलदायी रहेंगे। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, इन योगों में किया गया कार्य लंबे समय तक सफलता देता है। जो इस साल लोगों को उत्साहित करेगा।
ज्योतिषीय दृष्टि से नया साल क्यों रहेगा खास
पंडितों के अनुसार 2026 में गुरु और शनि का राशि परिवर्तन समाज, अर्थव्यवस्था और व्यक्तिगत जीवन पर गहरा प्रभाव डालेगा। धार्मिक आयोजनों, व्रत-उत्सव और कथा-पुराणों के प्रति लोगों की आस्था और बढ़ेगी। लोगों को धार्मिक स्थलों के दर्शन का लाभ मिलेगा।

2026 विवाह के लिए प्रमुख अबूझ शुभ मुहूर्त
नए साल में विवाह के लिए जनवरी, फरवरी, अप्रैल, मई, जून और नवंबर महीने विशेष शुभ रहेंगे।
जनवरी-फरवरीः मकर और कुंभ राशि में सूर्य रहने से कई सर्वार्थसिद्ध योग बनेंगे।
अप्रैल-जूनः अक्षय तृतीया व विवाह पंचमी जैसे अबूझ मुहूर्त रहेंगे।
नवंबरः देवउठनी एकादशी के बाद विवाह का श्रेष्ठ समय रहेगा। अक्षय तृतीया, विवाह पंचमी और देवउठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त रहेगा। इन दिनों बिना पंचांग दोष के विवाह किए जा सकेंगे। विशेषज्ञ कुंडली अनुसार मुहूर्त तय करने की सलाह देते हैं।

वे त्योहार... जो 9 से 10 दिन पहले आएंगे
त्योहार | 2025 में | 2026 में | इतने पहले |
मौनी अमावस्या | 29 जनवरी | 18 जनवरी | 10 दिन |
वसंत पंचमी | 03 फरवरी | 23 जनवरी | 10 दिन |
महाशिवरात्रि | 26 फरवरी | 15 फरवरी | 10 दिन |
होली | 14 मार्च | 3 मार्च | 10 दिन |
गुड़ी पड़वा | 30 मार्च | 19 मार्च | 10 दिन |
राम नवमी | 06 अप्रैल | 27 मार्च | 09 दिन |
महावीर जयंती | 10 अप्रैल | 31 मार्च | 09 दिन |
हनुमान जयंती | 12 अप्रैल | 02 अप्रैल | 10 दिन |
अक्षय तृतीया | 30 अप्रैल | 20 अप्रैल | 09 दिन |
बुद्ध पूर्णिमा | 12 मई | 01 मई | 10 दिन |
गंगा दशहरा | 05 जून | 26 मई | 09 दिन |

2026 में मलमास ... वह त्योहार जिनका आगमन 10 दिन पहले
त्योहार मौनी अमावस्या महाशिवरात्रि
इस नए साल में सभी बड़े पर्व शुक्रवार को ही बाबूलाल कैलेंडर के अनुसार इस 2026 में कई छोटे बड़े पर्व शुक्रवार के दिन पड़ेंगे। जिसकी शुरुआत 15 जनवरी मकर संक्राति और 23 जनवरी को वंसत पंचमी से होगी जो शुक्रवार को पड़ेगा। 20 मार्च ईद उल फितर शुक्रवार, 1 मई बुद्ध पूर्णिमा, 26 जून मुहर्रम, 28 अगस्त रक्षाबंधन, 4 सितंबर जन्माष्टमी, 25 सितंबर अनंत चतुर्दशी, 2 अक्टूबर गांधी जयंती, 6 नवंबर धनतेरस, 13 नवंबर छठ्ठ पूजा, 25 दिसंबर क्रिसमस यह सभी पर्व शुक्रवार के दिन आयेंगे।
वे त्योहार, जिनकी 10 से 18 दिनों की होगी देरी
त्योहार | 2025 में | 2026 में | कितने बाद |
जगन्नाथ रथ यात्रा | 27 जून | 16 जुलाई | 18 दिन |
चातुर्मास प्रारंभ | 06 जुलाई | 25 जुलाई | 18 दिन |
रक्षा बंधन | 09 जुलाई | 28 जुलाई | 18 दिन |
कृष्ण जन्माष्टमी | 16 अगस्त | 4 सितंबर | 17 दिन |
गणेशोत्सव | 27 अगस्त | 14 सितंबर | 16 दिन |
शारदीय नवरात्र | 22 सितंबर | 11 अक्टूबरॉ | 18 दिन |
दशहरा | 02 अक्टूबर | 21 अक्टूबर | 18 दिन |
दीपावली | 20 अक्टूबर | 8 नवंबर | 18 दिन |

हर तीन साल में अधिकमास जिससे आता है अंतर
आचार्य संदीप तिवारी के अनुसार हिंदू त्योहार चंद्रमा की स्थिति व उसकी गति पर आधारित होते हैं और चंद्र वर्ष 354 दिन का होता है, जबकि सौर वर्ष के 365 दिन होते हैं। इस अंतर को हटाने के लिए हर तीन साल में अधिकमास होता है, जिस कारण पर्वों की तिथियों में पिछले सालों की तुलना में काफी दिनों का अंतर आ जाता है। इस अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। अधिक मास 17 मई से शुरू होकर 15 जून को समाप्त होगा। इस महीने को भगवान विष्णु को समर्पित मानते है जिसमें पूजा-पाठ, दान-धर्म, व्रत, मंत्र जप और तीर्थस्नान विशेष फलदायी माना जाता हैं।
