टॉप नक्सली कमांडर भूपति ने किया समर्पण: महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस के सामने डाले हथियार, 61 साथियों ने भी किया सरेंडर

सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में नक्सल कमांडर भूपति सरेंडर करते हुए।
एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला/ मानपुर। मंगलवार को नक्सल नेता सोनू उर्फ भूपति अपने 61 साथियों के साथ गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। वहीं इनके समर्पण के लिए महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस के सामने नक्सल नेता सोनू उर्फ भूपति 56 हथियार और अपने साथियों के साथ सरेंडर किया।
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने गढ़चिरौली में समर्पण करने वाले सभी नक्सलियों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया। जहां पर नक्सल लीडर सोनू उर्फ भूपति ने अपने 61 साथियों के साथ सीएम देवेन्द्र फडणवीस की मौजूदगी में सरेंडर कर दिया। बता दें कि, संघर्ष विराम को लेकर सोनू उर्फ भूपति द्वारा जारी प्रेस नोट के बाद संगठन में दरार पड़ी थी। नक्सल संगठन ने सोनू और उनके साथियों से हथियार छीनने के लिए PLGA को निर्देश दिए थे।
बीजापुर। नक्सल लीडर सोनू उर्फ भूपति समेत 61 नक्सलियों के लिए समर्पण कार्यक्रम रखा गया है। गढ़चिरौली में महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस के सामने सभी एक बार फिर सरेंडर करेंगे। @Dev_Fadnavis #chhattisgarh pic.twitter.com/uNqQpknGcT
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) October 15, 2025
नक्सलवाद के खिलाफ एकजुट होकर करेंगे काम - देवेंद्र फडणवीस
नक्सली कमांडर मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने 60 नक्सलियों के साथ आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस की मौजूदगी में गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- हम सभी, चाहे वह महाराष्ट्र हो, छत्तीसगढ़ हो या तेलंगाना, नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। हम एक-दूसरे के साथ समन्वय में काम करते हैं।
बीजापुर- नक्सल लीडर सोनू उर्फ भूपति समेत 61 नक्सलियों के लिए समर्पण कार्यक्रम रखा गया। जहां पर गढ़चिरौली में सीएम देवेन्द्र फडणवीस के सामने नक्सलियों ने सरेंडर किया. @DistrictBijapur #Chhattisgarh @Dev_Fadnavis #NaxalSurrender @ChhattisgarhCMO @AmitShah @vishnudsai pic.twitter.com/B49JLKwekH
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सरेंडर से पहले भूपति ने लिखा था पत्र
भूपति ने अपने साथियों को भी पत्र लिखा था कि अब सरेंडर ही आखिरी विकल्प बचा है। हमें हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और संवाद का मार्ग अपनाना होगा। हालांकि भूपति के इस आग्रह को केंद्रीय कमेटी ने खारिज कर दिया था, लेकिन अब 60 से अधिक कैडरों ने भूपति के साथ सरेंडर कर शांति प्रस्ताव का समर्थन किया है।
