नारी शक्ति सम्मान: रेणुका तिवारी को वक्ता मंच ने महिला गौरव अवार्ड से किया सम्मानित

नारी शक्ति सम्मान
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रेणुका तिवारी सम्मानित होते हुए 

नवापारा में प्रदेश की प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था वक्ता मंच ने रेणुका तिवारी को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए 'नारी शक्ति सम्मान' से सम्मानित किया गया।

श्यामकिशोर शर्मा - राजिम-नवापारा। छत्तीसगढ़ प्रदेश की प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था वक्ता मंच ने 125 नारी शक्तियों को छत्तीसगढ़ महिला गौरव सम्मान 2025 से सम्मानित किया। जिसमें रेणुका तिवारी का सम्मान नवापारा से उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए 'नारी शक्ति सम्मान' से सम्मानित किया गया।

रेणुका तिवारी ग्रीन आर्मी रायपुर से जुड़कर नवापारा में ग्रीन आर्मी टीम का संचालन अध्यक्ष के रूप में कर रही हैं। वर्तमान में वह दावरा इंटरनेशनल स्कूल पटेवा में शिक्षिका हैं। नारी की शक्तियों को उजागर करते हुए उन्होंने कई संगठनों को चलाया है। जिसमें अमृत वाहिनी नारी शक्ति ग्रुप, ग्रीन आर्मी महिला संगठन और सर्व ब्राह्मण समाज महिला संगठन शामिल हैं।

'सरस्वती विद्या मंदिर मालपुरीकला' की संस्थापिका भी हैं रेणुका तिवारी
उल्लेखनीय है कि, रेणुका तिवारी सामाजिक संस्था से जुड़कर वह अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रही है। इसके साथ ही ग्रीन आर्मी संस्था से जुड़कर वह पहले दो वर्षों से नयापारा को 'ग्रीन सिटी और क्लीन सिटी' बनाने के लिए संकल्पित होकर अपने संगठित महिला समूह के साथ निरंतर कार्य में कार्यशील है। इसके साथ ही 'सरस्वती विद्या मंदिर मालपुरीकला' की संस्थापिका भी है, जो कि अभी उनके पैतृक ग्राम में संचालित है।

नारी शक्ति को उजागर का प्रयास
इस प्रकार से अनेकों नारी शक्तियों के लिए हमेशा तत्पर रहने वाली रेणुका तिवारी को वक्ता मंच रायपुर ने 07 सितंबर का जो सम्मान दिया। इसके लिए समस्त पदाधिकारी को धन्यवाद प्रेषित किया और आगे भी समाज के लिए इसी प्रकार से निरंतर कार्य करते रहने का उनका संकल्प है। नवापारा में हरियाली लाने के लिए इनकी संगठन शक्ति महिलाओं से संगठित है। यह निरंतर इस प्रयास पर रहती हैं कि, अधिक से अधिक महिलाओं को इस क्षेत्र में जोड़कर नारी शक्ति को उजागर करना है।

ईश्वर ने हमें किसी की मदद करने का माध्यम बनाया है- रेणुका तिवारी
रेणुका तिवारी का मानना है कि, हम अगर आर्थिक रूप से समर्थ हैं। रोटी कपड़ा मकान जैसी आवश्यकता ईश्वर की कृपा से प्राप्त हो गया है। तो हमें अपने समाज व देश हित के बारे में सोचना चाहिए। ईश्वर ने हमें किसी की मदद करने का माध्यम बनाया है। इस लिए हमें इन जीवन काल में ही उऋण होना हैं। मातृ भूमि की सेवा में अपना जीवन दान भी बहुत कम है। माता-पिता का ऋण, इस धरती माँ का ऋण, अपने पितरों का ऋण, ऐसे सभी ऋणों से मुक्ति मिल सकती हैं, जब हम अपने मानवीय मूल्यों कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं।

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