वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की जयंती: आईसेक्ट में निबंध प्रतियोगिता, प्रतिभागियों को किया गया पुरस्कृत

वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की जयंती : आईसेक्ट में निबंध प्रतियोगिता, प्रतिभागियों को किया गया पुरस्कृत
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छात्रा को किया गया पुरुष्कृत 

नवापारा के आईसेक्ट में रानी लक्ष्मी बाई की जीवनगाथा पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।

श्यामकिशोर शर्मा- नवापारा। नगर के प्रतिष्ठित संस्थान आईसेक्ट कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र में राष्ट्र सेविका समिति द्वारा वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की वीरगाथा पर निबंध प्रतियोगिता और पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती, भारत माता एवं झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्वलन से किया गया।

आईसेक्ट के संचालक बलराम देवांगन ने बताया कि वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की वीरगाथा एवं जीवन पर आधारित निबंध प्रतियोगिता में 100 से अधिक छात्र छात्राओं ने भाग लिया था। जिसमें प्रथम स्थान चेतना देवांगन, द्वितीय स्थान यश कुमार साहू एवं तृतीय स्थान मोनिका साहू ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में 50 से अधिक छात्र छात्राओं को सांत्वना पुरस्कार स्वरूप प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह में आईसेक्ट के स्टाफ साखी निर्मलकर, खिलेश्वरी साहू, भुनेश्वरी साहू, लेखिका साहू, तनु देवांगन एवं सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।


रानी लक्ष्मी बाई महिला शक्ति एवं वीरता का प्रतीक- योगिता सिन्हा
वरिष्ठ भाजपा नेत्री एवं पृथ्वीम फाउंडेशन की अध्यक्ष योगिता सिन्हा ने वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की वीरता को नमन करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि रानी लक्ष्मी बाई की साहस, शक्ति एवं वीरता आज भी महिलाओं को प्रेरणा देती है। 1857 के युद्ध में रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध में अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया था। झांसी की गद्दी बचाने एवं अंग्रेजों के दमन नीति के विरोध में रानी लक्ष्मी बाई ने अपने प्राण न्योछावर कर दिया किंतु अंग्रेजों के सामने नहीं झुकी। स्वतंत्रता संग्राम में वीर गति प्राप्त कर रानी लक्ष्मी बाई देशवासियों के लिए अमर हो गई। उनका जीवन आज सभी देशवासियों खासकर महिलाओं के लिए प्रेरणादायी है।

झांसी की रानी स्वतंत्रता आंदोलन की अमर प्रतीक- ओमकुमारी
नवापारा नगर पालिका अध्यक्ष ओमकुमारी-संजय साहू ने झांसी की रानी लक्ष्मी लक्ष्मी बाई को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का अमर प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई अपनी बहादुरी और नेतृत्व क्षमता के लिए जानी जाती है। भारतीय राष्ट्रीय सेना की पहली रेजिमेंट का नाम रानी लक्ष्मी बाई रेजिमेंट के रूप में रखा गया। नपा अध्यक्ष ने वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मी बाई पर वीर रस की कविता सुनकर सभी लोगों में ऊर्जा, जोश एवं देशभक्ति का संचार कर दिया।


रानी लक्ष्मी बाई से प्रेरणा लेकर अपने सपनों को उड़ान दें- अनुराधा
प्रखर वक्ता अनुराधा सारडा ने अपने आजपूर्ण उद्बोधन में छात्र छात्राओं को रानी लक्ष्मी बाई के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने सपनों को उड़ान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब महिलाओं को घर की चारदिवारी से निकलने तक की अनुमति नहीं थी तब झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला। और अंग्रेजों को युद्ध में धूल चटा दी। आज हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे है। ऐसे में आज की नारी अपने सपनों में पंख लगाकर ऊंची उड़ान भरने से न डरे। आपके आज के प्रेरणादायी कार्य आने वाले पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन एवं सफलता का राह प्रशस्त करेगा।


इन्हें किया गया सम्मानित
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नपा अध्यक्ष ओम कुमारी- संजय साहू, विशेष अतिथि पृथ्वीम फाउंडेशन की अध्यक्ष योगिता सिन्हा, विधायक प्रतिनिधि संजय साहू, मोटिवेशनल स्पीकर अनुराधा सारडा एवं आईसेक्ट निदेशक बलराम देवांगन के हाथों निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभागियों एवं उत्कृष्ट निबंध के लिए छात्र छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

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