श्री राधाकृष्ण मंदिर का शताब्दी महोत्सव: एक माह तक चलेगा भोजन प्रसादी, महायज्ञ बना शहर की आस्था का केंद्र

श्री राधाकृष्ण मंदिर का शताब्दी महोत्सव
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भोजन परोसते हुए 

नवापारा-राजिम में श्री राधाकृष्ण मंदिर के 100 वर्ष पूर्ण होने पर पूरे महीने चल रहे भव्य भोजन प्रसादी आयोजन में हर दिन हजारों लोग शामिल हो रहे हैं।

श्यामकिशोर शर्मा- नवापारा-राजिम। छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के विख्यात श्री राधाकृष्ण मंदिर इस वर्ष अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण कर रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर को नगरवासियों ने सेवा, भक्ति और समरसता के महापर्व के रूप में बदल दिया है। मंदिर परिसर में पूरे एक माह तक चलने वाले भव्य भोजन प्रसादी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अलग-अलग जाति और समुदाय के लोग एक साथ बैठकर प्रेम और समानता का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।

यह भव्य आयोजन 3 नवंबर से शुरू होकर 30 नवंबर तक चलेगा। प्रतिदिन दोपहर 12 से 4 बजे तक हजारों लोग मंदिर परिसर में पहुंचकर स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले रहे हैं। आयोजन की व्यवस्था इस तरह से की गई है कि, रोज अलग-अलग समाज के लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। साथ ही जो भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, उन्हें स्नेहपूर्वक भोजन कराया जा रहा है।


परोसे जा रहे ये स्वादिष्ट व्यंजन
भोजन में दाल, चावल, दो-तीन प्रकार की सब्जियाँ, पूरी, पकोड़ा, आलू छोले, मिक्स सब्जी, बूंदी वाली कढ़ी, अचार, सलाद, खीर, हलवा, गुलाब जामुन जैसे स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जा रहे हैं। आरओ पानी, कारपेट बिछी व्यवस्था, राउंड टेबल और कुर्सियों के साथ विवाह जैसा माहौल हर आगंतुक को आत्मीय अनुभव दे रहा है।


पूरा अग्रवाल परिवार आयोजन में जुटा
मंदिर के सर्वराकार मोहन अग्रवाल और गिरधारी अग्रवाल सहित पूरा अग्रवाल परिवार इस आयोजन में तन-मन-धन से जुटा हुआ है। इनके साथ श्री सालासर सुंदरकांड समिति के संस्थापक राजू काबरा व उनकी टीम लगातार सेवा में लगी हुई है।


इन कार्यक्रमों का भी होगा आयोजन
मोहन अग्रवाल ने बताया कि, यह सब भगवान श्रीकृष्ण की कृपा है। हमारे पूर्वजों ने 100 वर्ष पूर्व जब मंदिर की स्थापना की थी, तब भी नगरवासियों को भोज कराया गया था। अब शताब्दी वर्ष पर उसी परंपरा को और भव्य रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है। 24 से 30 नवंबर तक विष्णु महायज्ञ, शोभायात्रा, नानी बाई का मायरा और भजन संध्या का भी आयोजन किया जाएगा, जो इस महोत्सव का प्रमुख आकर्षण रहेगा।

शताब्दी महोत्सव का पांचवां दिन
शुक्रवार को महोत्सव का पांचवां दिन इतिहास में दर्ज हो गया। पूरा नगर सेवा के उत्साह से ओतप्रोत है। लोग स्वयं सेवा देने के लिए आगे आ रहे हैं, मगर हर स्थान पहले से सेवादारों से भरा होने के कारण कई लोगों को विनम्र अनुरोध के बाद ही सेवा का अवसर मिल पा रहा है।


सेवा, श्रद्धा और समरसता का अद्भुत संगम
इस दिन यादव समाज दोहा पारते पहुंचे, जिन्होंने भगवान गोपाल जी को सिर पर धारण किया। आतिशबाजी और शहनाई वादन के बीच जब उनका स्वागत हुआ, तो पूरा वातावरण भक्ति और आनंद में डूब गया। लोग पुष्प वर्षा करने लगे, कई श्रद्धालु नृत्य में झूम उठे, मानो वृंदावन कुंज नवापारा में उतर आया हो।

सभी अतिथियों का किया गया सम्मान
मंदिर प्रवेश से पहले गोवर्धन पूजा, फिर श्री राधाकृष्ण की आराधना, और उसके बाद यादव समाज का सम्मान समारोह हुआ। इस अवसर पर केवट, तारक समाज के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे, जिससे श्रीकृष्ण और श्रीराम भक्ति का सुंदर संगम देखने को मिला। इस अवसर पर गिरधारी अग्रवाल ने सभी अतिथियों का तिलक, वंदन और अपर्णा ओढ़ाकर सम्मान किया। वहीं हरिभूमि के ब्यूरोचीफ श्यामकिशोर शर्मा का भी भावभरा सम्मान हुआ।

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