अबूझमाड़ में विकास की बड़ी छलांग: 'लंका' पर सुरक्षाबलों का कब्जा, 30 से ज्यादा गांवों की बदलेगी किस्मत

लंका में सुरक्षा और जनसुविधा कैंप
इमरान खान- नारायणपुर। बस्तर के घने अबूझमाड़ में दर्शकों बाद विकास की दस्तक तेज हो गई। नक्सलियों के प्रभाव वाले सबसे कठिन माने जाने वाले इलाकों में से एक ग्राम लंका अब मुख्यधारा से जुड़ने की ओर बढ़ चुका है।
जानकारी के अनुसार, नारायणपुर पुलिस ने ओरछा-आदेर रूट से लंका (जिला बीजापुर बार्डर) तक सड़क कनेक्टिविटी स्थापित कर दी है, जिससे आने वाले दिनों में यहां मोबाइल टावर, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सरकारी योजनाओं का तेजी से विस्तार होगा। यह उपलब्धि ‘माड़ बचाव अभियान’ का एक बड़ा पड़ाव है।
नया सुरक्षा और जन सुविधा कैम्प
वरिष्ठ अधिकारीयों के निर्देशन में नक्सल विरोधी 'माड़ बचाओ अभियान' लगातार प्रभावी हो रहा है। इसी क्रम में थाना ओरछा क्षेत्र के ग्राम लंका में 28 नवंबर 2025 को एक नवीन सुरक्षा एवं जन-सुविधा कैम्प स्थापित किया गया। इंद्रावती नदी के किनारे बसे इस दुर्गम इलाके में कैम्प खुलने से ग्रामीणों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। लंका की दूरी जिला मुख्यालय नारायणपुर से 130 किमी, थाना ओरछा से 65 किमी, आदेर से 36 किमी, कुड़मेल से 21 किमी, जाटलूर से 20 किमी, डोडीमरका से 12 किमी, पदमेटा से 6 किमी।
अब बदलेगी 30 से अधिक गांवों की तस्वीर
लंका में कैम्प खुलने का लाभ अंगमेटा, कुमरमेटा, कवंडे, पुसलंका, बुरी, जपमरका और लंका सहित आसपास के 30 से अधिक गांवों को मिलेगा। यहां अब सड़क और पुल-पुलिया निर्माण, मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं, सरकारी योजनाओं की सुगम पहुँच तेजी से बढ़ेगी। सुरक्षा की मौजूदगी ग्रामीणों के लिए विकास को नजदीक लेकर आएगी।
नक्सलियों की ‘अघोषित राजधानी’ कुतुल सहित कई ठिकानों में खोले कैम्प
इस वर्ष नारायणपुर पुलिस ने नक्सलियों के कई प्रमुख आश्रय स्थलों- कुतुल, कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका, पदमेटा और लंका में कैम्प स्थापित कर अबूझमाड़ को तेज़ी से मुख्यधारा में जोड़ना शुरू किया है।

नवीन कैम्प स्थापना में नेतृत्व और सहयोग
बस्तर रेंज पुलिस महानिरीक्षक पी. सुन्दराज, कांकेर रेंज पुलिस उप महानिरीक्षक अमित कांबले (भा.पु.से.), नारायणपुर पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुरिया, आईटीबीपी 44वीं वाहिनी के कमांडेंट मुकेश कुमार दसमाना, टू-आईसी पीपी सिद्दकी, नारायणपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक- अक्षय सबद्रा, अजय कुमार, सुशील कुमार नायक उप पुलिस अधीक्षक- अविनाश कंवर, कुलदीप बंजारे, अजय कुमार सिंह, अभियान में डीआरजी, बस्तर फाइटर, आईटीबीपी 27वीं, 38वीं, 40वीं और 44वीं वाहिनी की विशेष भूमिका रही।
