अधिवक्ता परिवार पर पुलिसकर्मियों का हमला: शत्रुहन सिंह साहू बोले- न्याय व्यवस्था की गरिमा पर गंभीर चोट

अधिवक्ता परिवार पर पुलिसकर्मियों का हमला
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अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू

अधिवक्ता राजेश तिवारी के परिवार पर अंबिकापुर में पुलिस आरक्षक और उसके साथियों द्वारा हमले की घटना से अधिवक्ता समाज आक्रोशित।

गोपी कश्यप- नगरी। अंबिकापुर में अधिवक्ता राजेश तिवारी के परिवार पर हुए हमले ने पूरे प्रदेश में अधिवक्ता समाज को आक्रोशित कर दिया है। इस घटना को लेकर स्टेट बार काउंसिल ऑफ़ छत्तीसगढ़ के नव-निर्वाचित सदस्य अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे न्याय व्यवस्था की गरिमा पर सीधा और खतरनाक प्रहार बताया है। उन्होंने कहा कि, कानून की रक्षा करने की जिम्मेदारी जिन पर होती है, उन्हीं पुलिस कर्मियों द्वारा कानून तोड़े जाने की घटना अत्यंत चिंताजनक है।

प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने बताया कि, अधिवक्ता राजेश तिवारी के पुत्र राहुल तिवारी के साथ गांधीनगर थाना क्षेत्र में पदस्थ आरक्षक संतोष कश्यप और उसके भाइयों द्वारा मारपीट की गई। इतना ही नहीं, बीच-बचाव करने पहुंचे अधिवक्ता राजेश तिवारी और उनकी पत्नी पर भी प्रधान आरक्षक संतोष कश्यप, उसके भाई संदीप कश्यप और अन्य दो व्यक्तियों ने हमला किया। जो न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि नागरिकों व अधिवक्ताओं की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठाता है।

न्यायिक प्रणाली पर सीधा प्रहार
अधिवक्ता शत्रुहन साहू ने कहा कि, अधिवक्ता परिवार पर हुआ यह हमला केवल एक परिवार पर अत्याचार नहीं, बल्कि पूरी न्यायिक प्रणाली की पवित्रता और गरिमा पर सीधा और खतरनाक प्रहार है। कानून की रक्षा करने की शपथ लेने वाले पुलिस कार्मिक स्वयं कानून तोड़ने का दुस्साहस कर रहे हैं, जो पूर्णतः अमान्य और अस्वीकार्य है।

कठोर कार्रवाई से घटनाओं पर लगेगी रोक
उन्होंने गृह मंत्रालय एवं शासन-प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करते हुए घटना की उच्च स्तरीय, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कर दोषी आरक्षकों और उनके साथियों को तत्काल कठोर दंडात्मक कार्रवाई के दायरे में लाने की मांग की। साहू ने कहा कि, ऐसे प्रकरणों में कठोर कार्रवाई ही भविष्य की घटनाओं पर रोक लगा सकती है।

अधिवक्ता शत्रुहन ने प्रभावी सुरक्षा नीति लागू करने पर दिया जोर
उन्होंने यह भी कहा कि, पीड़ित अधिवक्ता परिवार को हर स्तर पर सुरक्षा, सहयोग और न्याय की पूर्ण गारंटी सरकार द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ में अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एक व्यवस्थित, मजबूत और प्रभावी सुरक्षा नीति लागू करने पर जोर दिया। अपनी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने स्पष्ट कहा कि, यह हमला पूरी अधिवक्ता बिरादरी का अपमान है। अधिवक्ता समाज इस घटना से आक्रोशित है और पीड़ित परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है। न्याय की प्राप्ति तक संघर्ष जारी रहेगा।

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