पीएम मोदी का छत्तीसगढ़ में स्वागत: ओबीसी संयोजन समिति ने जातीय जनगणना की घोषणा पर जताया आभार

पीएम मोदी का छत्तीसगढ़ में स्वागत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जातीय जनगणना करवाने की घोषणा पर ओबीसी संयोजन समिति, छत्तीसगढ़ ने स्वागत किया है।

गोपी कश्यप- नगरी। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ आगमन का ओबीसी संयोजन समिति, छत्तीसगढ़ ने हार्दिक स्वागत किया है। समिति के संस्थापक अधिवक्ता शत्रुहन साहू ने प्रधानमंत्री द्वारा देश में जातीय जनगणना करवाने की घोषणा को ऐतिहासिक और दूरदर्शी निर्णय बताया है। उन्होंने कहा कि, यह कदम भारत के सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

अधिवक्ता साहू ने कहा कि, जातीय जनगणना के माध्यम से देश के अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की वास्तविक जनसंख्या, सामाजिक स्थिति और आर्थिक स्तर का सटीक आकलन संभव होगा।

वर्षों से देश में जातिवार जनगणना की उठ रही मांग- शत्रुहन
इससे सरकार को इन वर्गों के लिए योजनाएं, नीतियां और आरक्षण व्यवस्था अधिक पारदर्शी एवं न्यायसंगत रूप से लागू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि, वर्षों से देश में जातिवार जनगणना की मांग उठती रही है, ताकि समाज के प्रत्येक वर्ग की वास्तविक स्थिति सामने आए। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस दिशा में ठोस पहल करना समाज के सभी वंचित तबकों के लिए आशा और विश्वास का संदेश है।


भारत के सामाजिक पुनरुत्थान का युगांतरकारी कदम
ओबीसी संयोजन समिति ने प्रधानमंत्री मोदी के इस निर्णय के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, इससे सामाजिक न्याय, समान अवसर और प्रतिनिधित्व की भावना को नई ऊर्जा मिलेगी। समिति ने इसे 'भारत के सामाजिक पुनरुत्थान का युगांतरकारी' कदम बताया है।

छत्तीसगढ़ आरक्षण (संशोधन) विधेयक
साथ ही समिति ने प्रधानमंत्री से यह भी निवेदन किया कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित 'छत्तीसगढ़ आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022', जो वर्तमान में राज्यपाल के पास लंबित है, शीघ्र स्वीकृति प्रदान कर लागू कराया जाए। समिति ने कहा कि, इस विधेयक के लागू होने से राज्य के ओबीसी, एससी, एसटी और ईडब्ल्यूएस वर्गों को उनका संवैधानिक अधिकार और समान भागीदारी सुनिश्चित होगी।

समिति ने राज्यपाल से भी की अपील
समिति ने राज्यपाल से भी अपील की है कि, वे इस विधेयक को शीघ्र अनुमोदन प्रदान करें, ताकि छत्तीसगढ़ के सामाजिक ताने-बाने में समरसता और विकास का नया अध्याय लिखा जा सके।

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