मंत्री कश्यप सर्किट हाउस कांड कांग्रेस का षड़यंत्र: मरकाम बोले- कांग्रेस की मानसिकता ही आदिवासी विरोधी

मंत्री कश्यप सर्किट हाउस कांड कांग्रेस का षड़यंत्र : मरकाम बोले- कांग्रेस की मानसिकता ही आदिवासी विरोधी
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बीजेपी- कांग्रेस का झंडा 

औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष विकास मरकाम ने जगदलपुर के सर्किट हाउस में मंत्री केदार कश्यप पर लगे आरोपों को निराधार बताया है।

गोपी कश्यप- नगरी। छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष विकास मरकाम ने केदार कश्यप पर सर्किट हाउस में एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के साथ मारपीट के साथ मारपीट के आरोपों का खंडन करते हुए उसे निराधार बताया। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की आदिवासी विरोधी मानसिकता एक बार फिर बेनकाब हो गई है। वन मंत्री केदार कश्यप पर सर्किट हाउस के एक कर्मचारी से मारपीट का जो आरोप लगाया गया है, वह न केवल बेबुनियाद है। बल्कि, कांग्रेस की हताशा और राजनीतिक दिवालियापन का प्रमाण भी है।

उन्होंने आगे कहा कि, ये वही कांग्रेस है, जिसने पहले आदिवासी सीएम विष्णुदेव साय का आपत्तिजनक कार्टून बनाया। फिर उनके चेहरे पर गोबर फेंकवाया, अब एक और आदिवासी नेता को निशाना बना रही है। यह सिलसिला बताता है कि, कांग्रेस को आदिवासी नेतृत्व से चिढ़ है, और वह हर बार उन्हें अपमानित करने का षड्यंत्र रचती है।

कर्मचारी से जबरन दिलवाया जा रहा बयान
उन्होंने आगे कहा कि, मंत्री केदार कश्यप के चरित्र और सेवाभाव से बस्तर ही नहीं पूरा छत्तीसगढ़ वाकिफ है। मंत्री केदार कश्यप का दशकों का सार्वजनिक जीवन, उनकी विनम्रता और सज्जनता की गवाही देता है। वे एक बड़े राजनीतिक परिवार से हैं, कई बार मंत्री रह चुके हैं, लेकिन कभी भी उन्होंने अपने व्यवहार में अहंकार नहीं आने दिया। उनके कार्यकर्ता उन्हें देवतुल्य मानते हैं और वे भी हर वर्ग के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करते हैं। जगदलपुर सर्किट हाउस की घटना को कांग्रेस ने जिस तरह तूल दिया, वह साफ दर्शाता है कि मुद्दों के गंभीर अकाल से जूझ रही कांग्रेस अब झूठे वीडियो और जबरन बयान दिलवाकर प्रदेश का ध्यान भटकाना चाहती है। वीडियो में साफ दिखता है कि कर्मचारी से जबरन बयान दिलवाया जा रहा है, शब्द उनके मुंह में ठूंसा जा रहा है, यह कांग्रेस की स्क्रिप्टेड नौटंकी है।

आदिवासी नेताओं को अपमानित करना कांग्रेस का इतिहास
अध्यक्ष विकास मरकाम ने आगे कहा कि, जहां भाजपा के नेता सेवा और संयम की मिसाल हैं। वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता अक्सर बदजुबानी, धौंस और हिंसा के लिए कुख्यात रहे हैं। कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह आदिवासी नेताओं को अपमानित करती है। उन्हें हाशिए पर धकेलती है और जब वे जनप्रिय हो जाते हैं, तो उनके खिलाफ झूठे आरोप गढ़ती है। यदि कांग्रेस द्वारा फैलाए गए इस भ्रामक प्रचार की कानूनी पड़ताल की जाए, कांग्रेसी एक बार पुनः बेनकाब हो जाएंगे। बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी क्षेत्रों से चुनावों में जिस प्रकार सूपड़ा साफ हो रहा है। इसकी ख़ीझ में कांग्रेस लगातार आदिवासी समाज को अपमानित कर रही है। दीपक बैज और भूपेश बघेल को आदिवासी समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। अन्यथा आदिवासी समाज उन्हें समुचित जवाब देगा।

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