नगरी में 102 सरपंचों का हल्लाबोल: 15वें वित्त आयोग की राशि न मिलने पर विकास कार्य ठप होने का आरोप, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

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सरपंच संघ नगरी का धरना प्रदर्शन

नगरी के 102 गांवों के सरपंचों ने 15वें वित्त आयोग की राशि रोके जाने, मानदेय वृद्धि और पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाने की मांगों पर एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।

नगरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की नगरी विकास खंड के 102 ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने शुक्रवार को अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। बजरंग चौक से पैदल मार्च कर सभी सरपंच एसडीएम कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करते हुए अपनी मांगें दोहराईं। प्रदर्शन के बाद सरपंचों ने एक बार फिर ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की।

9 महीने से नहीं मिली 15वें वित्त आयोग की राशि, विकास कार्य ठप
सरपंच संघ ने आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल को नौ महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक 15वें वित्त आयोग की राशि जारी नहीं की गई है। पंचायतों में बजट नहीं होने के कारण-

  • सड़क मरम्मत
  • नाली निर्माण
  • साफ-सफाई
  • सामुदायिक विकास कार्य

जैसे अधिकांश काम पूरी तरह रुक चुके हैं। सरपंचों ने बताया कि वे इससे पहले कलेक्टर और एसडीएम को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सरपंचों की प्रमुख तीन मांगें

  • 15वें वित्त आयोग की राशि जारी की जाए

सरपंचों ने कहा कि 9 महीनों से राशि न मिलने से पंचायतें आर्थिक संकट में हैं। विकास कार्यों को पुनः शुरू करने के लिए तत्काल राशि जारी की जाए।

  • ग्राम पंचायत को 20 लाख तक के निर्माण कार्यों की एजेंसी बनाया जाए

सरपंचों ने मांग की कि 20 लाख रुपये तक के निर्माण कार्य केवल ग्राम पंचायत एजेंसी के माध्यम से हों और ठेकेदारी प्रथा समाप्त की जाए। उनका कहना है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा।

  • सरपंच-पंच मानदेय बढ़ाया जाए

सरपंचों ने अपने मानदेय को ₹10,000 प्रतिमाह और पंचों का मानदेय ₹2,500 प्रतिमाह किए जाने की मांग रखी।

सरपंच संघ के पदाधिकारी और कांग्रेस का समर्थन
धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व सरपंच संघ नगरी के अध्यक्ष उमेश देव, महासचिव नरेश मांझी और कोषाध्यक्ष उत्तम सिंह नेताम ने किया। विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में पुरुष और महिला सरपंच इस आंदोलन में शामिल हुए, जिससे प्रदर्शन का स्वर व्यापक और प्रभावशाली बना। इसी दौरान कांग्रेस ने भी सरपंचों की मांगों का समर्थन व्यक्त किया, जिससे आंदोलन को और मजबूती तथा गति मिली।

सरपंचों की चेतावनी- मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन होगा तेज
धरना स्थल पर सरपंचों ने स्पष्ट कहा कि, यदि जल्द ही उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा और बड़े स्तर पर विरोध किया जाएगा।

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