नागाडबरा ट्रिपल मर्डर कांड: सभी 12 आरोपी हुए दोषमुक्त

घटनास्थान की तस्वीर (फाइल फोटो)
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के कुकदुर थाना क्षेत्रांतर्गत वनांचल ग्राम नागाडबरा में करीब डेढ़ साल पूर्व तीन बैगा आदिवासियों की संदिग्ध मौत के बहुचर्चित मामले में पुलिस द्वारा हत्या के आरोप में गिरफ्तार सभी 12 आरोपियों को 18 सितम्बर को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कबीरधाम छत्तीसगढ़ पीठासीन अधिकारी गितेश कुमार कौशिक ने दोषमुक्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि, पुलिस हत्या के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों में से किसी के भी विरूद्ध न्यायालय में कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई जिले के कुकदुर थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम नागाडबरा के एक मकान में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व 14 जनवरी 2024 को स्थानीय निवासी बुधराम बैगा, हीरमति बाई एवं जोन्हू राम बैगा का जली हुई अवस्था में शव पड़ा मिला था। मौके पर पहुंची कुकदुर पुलिस, आला अधिकारी और विशेषज्ञ टीम ने मौका मुआयाना करने के बाद तथा घटनास्थल की स्थिति परिस्थियों को देखते प्रथम दृष्टया इसे अग्रि दुर्घटना के चलते तीनो ग्रामीणों की मौत का मामला मान लिया था।
पुलिस की अग्नि दुर्घटना से तीनों ग्रामीणों की मौत की दलील और प्रारंभिक जांच किसी के गले नहीं उतर रही थी। मृतकों के परिजनों से लेकर बैगा आदिवासी समाज तथा विपक्षी राजनैतिक दल इसे अग्रि दुर्घटना नहीं बल्कि अज्ञात आरोपियों द्वारा सोची समझी साजिश के तहत तीन निर्दोष ग्रामीणों की हत्या करार दे रहे थे। जिसे लेकर बैगा आदिवासी समाज ने धरना प्रदर्शन भी किया। पुलिस प्रशासन पर आरोपियों को बचाने के आरोप भी लगाए। बाद में जब यह मामला तूल पकडने लगा और विपक्षी राजनैतिक दल मामले को लेकर सक्रिय होने लगे तब घटना के करीब महीने भर बाद पुलिस ने इस मामले में मृतक बुधराम बैगा, हीरमति बाई एवं जोन्हू राम बैगा की हत्या किए जाने के आरोप में कुल 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
ये लोग हुए थे गिरफ्तार
आरोपी चारू बैगा पिता बजरू बैगा, उम्र 25 वर्ष, संतूराम बैगा पिता-सुखराम बैगा, उम्र 35 वर्ष, बजरू बैगा पिता-गोठू बैगा, उम्र-56 वर्ष, सुख सिंह बैगा पिता धानूराम बैगा, उम्र 30 वर्ष, बुध सिंह बैगा पिता-हीरालाल बैगा, उम्र 33 वर्ष, बुधलाल पिता-डोंगरू बैगा, उम्र 36 वर्ष, राजो बाई पिता-भुस्सा बैगा, उम्र 50 वर्ष, अक्कल बैगा पिता-बुद्ध सिंह बैगा, उम्र-45 वर्ष, बुधवारिन बाई बैगा पति अक्कल बैगा, उम्र-42 वर्ष, मियाजी पिता-बहादूर सिंह बैगा, उम्र-30 वर्ष, सुखराम बैगा पिता-बुधराम बैगा, उम्र-29 वर्ष, तथा तिहारू बैगा पिता लम्हा बैगा, उम्र 35 वर्ष को अपराध क्रमांक 21/2024 धारा 148, 302/149 (तीन बार), 120 बी, 201,-149, 436, 149 भादसं के तहत गिरफ्तार कर लिया। तथा कथित साक्ष्यों के साथ 149, 436, 149 'भादसं के तहत गिरफ्तार कर लिया। तथा कथित साक्ष्यों के साथ चालान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। लेकिन करीब डेढ़ वर्षों तक चली इस बहुचर्चित हत्याकाण्ड की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद 18 सितम्बर को अपना निर्णय सुनाते हुए हत्या के सभी 12 आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया।
पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली पर उठ रहे सवाल
इस बहुचर्चित तथा कथित ट्रिपल मडर के मामले में न्यायालय का फैसला सामने आने के बाद अब जिला पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर लोगों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं कि घटना के करीब महिने भर की जांच में पुलिस प्रशासन ने ऐसे कौन से साक्ष्य जुटाए थे कि उसने सोची समझी साजिश के तहत तीन ग्रामीणों की हत्या किए जाने के आरोप में थोकभाव में 12 ग्रामीणों को बेहद संगीन धाराओं में गिरफ्तार कर लिया। सवाल यह भी उठाए जा रहे हैं कि पुलिस प्रशासन ने यह गिरफ्तारी क्या वास्तव में पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर की थी या फिर राजनैतिक दबाव के चलते और अगर उसने 12 आरोपियों की गिरफ्तारी वास्तव में साक्ष्यों के आधार पर की थी तो फिर पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को न्यायालय ने क्यों नकार दिया और क्यों 12 की 12 आरोपी पूरी तरह से दोषमुक्त हो गए।
