तीन केंद्रों में सालभर से पड़ा है धान: मोहला जिले में विपणन विभाग की घोर लापरवाही, पड़े-पड़े सड़ रहा 4,500 क्विंटल धान

तीन केंद्रों में सालभर से पड़ा है धान
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गोडाउन में रखी हुईं धान की बोरियां 

मोहला जिले में विपणन विभाग की लापरवाही उजागर हुई है। पिछले वर्ष का 4,500 क्विंटल धान का अब तक उठाव नहीं हुआ है।

एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में विपणन विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। पिछले वर्ष का धान उठाव अब तक पूरा न होने से जिले की मंडियों में व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, जिले के तीन धान उपार्जन केंद्र- एकटकनहार, भारीटोला और औंधी में करीब 4,500 क्विंटल धान पिछले एक साल से बिना उठाव पड़ा हुआ है। इस लापरवाही के कारण संबंधित मंडी प्रबंधक पूरे वर्ष मानसिक रूप से परेशान रहे हैं। धान को एक साल से सुरक्षित रखने में भी पैसे खर्च हो रहे है। बारिश में भीगने की आशंका से भवनों में रखे हुए धान के स्टॉक मे रोज चूहे और चोरी होने की आशंका बनी हुई है।

विपणन विभाग पर उठ रहे सवाल
धान उठाव की जिम्मेदारी निभाने वाले विभागीय अधिकारियों पर भी उंगलियां उठ रही हैं। विपणन अधिकारी प्रमोद सोम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगना शुरू हो गया है, क्योंकि एक साल पुराने स्टॉक का उठाव न हो पाना सीधे विभाग की सुस्ती और कमजोरी को दर्शाता है।

नया सत्र शुरू- क्या समय पर खरीदी और उठाव हो पाएगा
इधर, धान खरीदी वर्ष 2025–26 की खरीद 15 नवंबर से आरंभ हो चुकी है। ऐसे में किसान और समिति प्रबंधक यह आशंका जता रहे हैं कि जब पिछला स्टॉक ही नहीं उठ पाया है तो वर्तमान सीजन की खरीदी और उठाव कैसे समय पर होगा।

जिला विपणन अधिकारी ने दी सफाई
जिला विपणन अधिकारी प्रमोद सोम ने बताया कि लगभग 4,500 क्विंटल धान का DEO जारी हो चुका है, लेकिन समिति प्रबंधकों के हड़ताल पर होने के कारण उठाव अटका हुआ है। दूसरे जिले के मिलरों को उठाव करना था, लेकिन उन्होंने समय पर उठाव नहीं किया मुख्यालय से टारगेट भी देर से प्राप्त हुआ। जिले में केवल एक ही उसना मिलर उठाव कर रहा है, जिससे प्रक्रिया धीमी हो गई, अधिकारी का कहना है कि जैसे ही समितियां समन्वय करती हैं, उठाव तत्काल कराया जा सकता है।

प्रशासनिक कमजोरी के चलते लाखों का धान डंप
मंडी समिति हाल ही में हड़ताल में थी और उठाव कराने में नाकामयाब विपणन विभाग मंडी समिति के हड़ताल पर चले जाने का ठीकरा फोड़ रही है। जिला क्षेत्र में धान उठाव की यह देरी न सिर्फ प्रशासनिक कमजोरी को दिखाती है, बल्कि किसानों और प्रबंधकों को भी अनावश्यक तनाव में डाल रही है। यदि स्थिति ऐसे ही रही, तो नए सीजन में खरीदी और उठाव दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

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