विधायक का बड़ा आरोप: बोले- अबूझमाड़ से 127 एकड़ पैतृक जमीन गायब, दस्तावेजों में अब उद्योपतियों के नाम

प्रेसवार्ता में पत्रकारों से चर्चा करते हुए विधायक विक्रम मंडावी
गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने बेहद ही चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने अबूझमाड़ के मूल निवासियों के जमीनों को उद्योगपतियों के नाम चढ़ाने का आरोप लगाया है। कहा कि, भोले- भाले आदिवासियों की जमीन को बहला- फुसलाकर खरीद लिया गया है। विधायक ने मामले में जांच कराने की बात भी कही है।
विधायक विक्रम मंडावी ने कहा- अबूझमाड़ इलाके से वहां के मूल निवासियों का कुल 127 एकड़ पैतृक जमीन गायब है, उनके मूल दस्तावेजों से उनके नाम गायब कर उनमें रायपुर के उद्योगपतियों के नाम चढ़ा दिए गए है। बस्तर में नक्सल के खात्मे के साथ ही एक साजिश के तहत आदिवासियों की जमीन कम दामों में उद्योपतियों को सौंपने का एक बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है।
धोखे से जमीन हड़पने का लगाया आरोप
सलवा जुडुम के दौरान विस्थापितों की पैतृक जमीनें अब उद्योगपतियों की लालच का शिकार बन रहे हैं। इस दौरान उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, भैरमगढ़ राहत शिविरों में रह रहे पांच ग्रामीणों की कुल 127 एकड़ पैतृक भूमि को रायपुर निवासी उद्योगपति महेन्द्र गोयनका ने भूस्वामियों को बहला- फुसलाकर खरीद लिया। भूस्वामियों को इसकी कोई जानकारी तक नहीं थी।
बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने आदिवासियों की जमीन को धोखे से हड़पने का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. @DistrictBijapur #Chhattisgarh pic.twitter.com/PUWYzUWeT7
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) October 30, 2025
उच्च स्तरीय जांच की मांग
विधायक ने इसे सुनियोजित धोखाधड़ी करार देते हुए उच्च स्तरीय जांच करने और जमीनों की तत्काल वापसी की मांग सरकार से की है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बने दो वर्ष होने को है तब से लगातार हम इस बात को कहते रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी के संरक्षण में बस्तर के जल, जंगल और जमीनों को लूटने का काम हो रहा है।
भाजपा से संरक्षण मिलने का लगाया आरोप
भाजपा के संरक्षण उद्योगपतियों की नजर बस्तर के बहुमूल्य खनिज संसाधनों और बस्तर के जल, जंगल और जमीनों पर है, वर्तमान में इन सभी बातों को लेकर बस्तर की जनता और हम सब चिंतित हैं। विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि, अबूझमाड़ क्षेत्र से सटे बीजापुर जिले के ग्राम धर्मा, बैल, छोटेपल्ली और मरकापाल के निवासी सलवा जुडुम के दौरान अपने घर- गांव छोड़कर भैरमगढ़ राहत शिविरों में आकर रह रहे थे।
चोरी- छिपे जमीन बेचने के आरोप
इंद्रावती नदी के उस पार बसे इन गांवों की पैतृक जमीनें ही इनकी आजीविका का एकमात्र आधार थीं। शिविरों में रहते हुए इन ग्रामीणों को यह भी पता नहीं चला कि, उनकी बेशकीमती उपजाऊ भूमि को चोरी- छिपे बेच दिया गया। विक्रम मंडावी ने आगे कहा- जब भूस्वामियों को इसकी जानकारी मिली तो वे पूछताछ करने लगे तो पता चला कि, रायपुर का उद्योगपति महेन्द्र गोयनका ने भूस्वामियों को बहला- फुसलाकर अपनी बातों में फंसाया और सारी जमीन खरीद ली। इनसे न कोई सहमति ली गई और ना ही किसी ने कोई जानकारी दी इन्हें धोखे में रखकर ग्रामीणों की जमीनों की ख़रीदी बिक्री की गई।
प्रभावित भूस्वामियों का दिया ब्यौरा
विधायक विक्रम मंडावी ने प्रभावित भूस्वामियों के नाम और उनकी जमीन का पूरा ब्यौरा दिया जो इस प्रकार है- चेतन नाग पिता संपत नाग ग्राम- धर्मा कुल भूमि- 12 एकड़, घस्सू राम पिता लक्षिन्दर ग्राम- बैल कुल भूमि- 29 एकड़, पीला राम, पिता गेटू- ग्राम- बैल कुल भूमि- 18 एकड़, लेदरी सेठिया ग्राम- छोटेपली कुल भूमि- 40 एकड़ और बीरबल पिता बेदे ग्राम-मरकापाल, कुल भूमि-10 एकड़ इस तरह कुल 127 एकड़ भूमि है। मंडावी ने आरोप लगाते हुए आगे कहा- ये सभी ग्रामीण अशिक्षित हैं। इन्हें न कानून की जानकारी है, न दस्तावेजों की समझ।
ग्रामीण अपने मूल गांव लौटना चाहते हैं
विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि, इंद्रावती नदी पर पुल बनने से अबूझमाड़ क्षेत्र से लगे इन गांवों का जन- जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। ये ग्रामीण अपने मूल गांवों में लौटना चाहते हैं। लेकिन जब वे लौटने की तैयारी कर रहे थे, तभी उन्हें पता चला कि उनकी जमीनें किसी और की हो चुकी हैं। विक्रम मंडावी ने कहा पुल बनने से रास्ता खुला, लेकिन घर लौटने का सपना टूट गया। यह सिर्फ जमीन का सौदा नहीं, जिले के मूल निवासियों के अस्मिता पर हमला है।
जनआंदोलन की दी चेतावनी
विधायक विक्रम मंडावी ने यह भी कहा कि बीजापुर जिले में ऐसे कई और मामले सामने आ सकते हैं। उन्होंने कहा, यह सिर्फ पांच परिवारों की बात नहीं पूरे क्षेत्र में चोरी-छिपे जमीनों की खरीद-फरोख्त हो रही है। विक्रम मंडावी ने आगे कहा कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में इस मुद्दे को लेकर जनआंदोलन करेगी साथ ही उन्होंने इन मामले की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग सरकार से की है।
ये मांगें रखी
1.जमीनों की खरीद और बिक्री की उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन करने
2.प्रभावित परिवारों को जमीनों की तत्काल वापसी करने।
3.धोखाधड़ी में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने
4.आदिवासी क्षेत्रों में भूमि हस्तांतरण पर सख्त निगरानी रखने जैसे मांगे प्रमुख रूप से शामिल हैं।
