विधायक रिकेश सेन की मानवीय पहल: MLA की मदद से बच्ची खुशबू की उड़ान को मिलेंगे पंख, यूएसए से आएगा लैंस

विधायक रिकेश सेन की मानवीय पहल : विधायक की मदद से बच्ची खुशबू की उड़ान को मिलेंगे पंख, यूएसए से आएगा लैंस
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पैसे सौंपते विधायक रिकेश सेन

वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने सेक्टर-6 निवासी रविंद्र प्रसाद की बेटी की आंख के लैंस के लिए 60 हजार रूपये की सहायता राशि आज सौंपी है।

भिलाई। छत्तीसगढ़ के वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने सेक्टर-6 निवासी रविंद्र प्रसाद की बेटी की आंख के लैंस के लिए 60 हजार रूपये की सहायता राशि आज सौंपी है। लंबे समय से दृष्टिबाधित भिलाई की खुशबू के लिए बहुत जल्द यूएस से लैंस आएगा। जिससे खुशबू बेहतर ढंग से न केवल दुनिया देख पाएगी बल्कि एमकॉम की परीक्षा भी दे सकेगी।

विधायक रिकेश सेन ने उस चिकित्सक से भी बात की जो कि, खुशबू की आंखों का उपचार करने वाले हैं। खुशबू के पिता ठेका श्रमिक हैं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही खुशबू की आंख को लेकर वो काफी परेशान रहे हैं। कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद भी खुशबू का उपचार नहीं हो पाया। किताबों को आंख के बिल्कुल सामने रखने पर उसे अक्षर दिखाई पड़ते हैं। पढ़ाई को लेकर संजीदा खुशबू साईं कॉलेज सेक्टर-6 भिलाई में बीकॉम अंतिम वर्ष की छात्रा है।

लैंस लगने से खुशबू की दृष्टि बाधा होगी दूर
खुशबू का उपचार कर रहे डॉ. प्रतीक जैन ने विधायक रिकेश सेन को बताया कि लैंस लगने से खुशबू की न केवल दृष्टि बाधा दूर होगी। बल्कि, वह बेहतर ढंग से किताबें भी आसानी से पढ़ लेगी। 22 वर्षीय खुशबू ने विधायक की इस पहल को अपने जीवन की विशेष उपलब्धि बताते हुए कहा कि, लैंस लगने के बाद वो विधायक को धन्यवाद देने जरूर आएगी। साथ ही कुतुब मीनार और ताजमहल भी उसे देखने की इच्छा है। खुशबू बैंकिंग सेक्टर में कार्य करना चाहती है, इसके लिए वह एमकॉम के साथ- साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी करेगी। पढ़ने की बचपन से तीव्र इच्छा के बावजूद आंखें लगातार उसके स्वप्नों के लिए बड़ी बाधक थीं। लैंस लगने के बाद वह अपना भविष्य गढ़ने के लिए अभी से उत्साहित है।

परिजनों ने जताया आभार
खुशबू के पिता सहित परिजनों ने वैशाली नगर विधायक की इस पहल के लिए उनका आभार जताते हुए कहा कि जिस उम्मीद से वो वैशाली नगर पहुंचे थे वह इतनी जल्द पूरी होगी कभी सोचा नहीं था। रविन्द्र प्रसाद ने बताया कि वो खुशबू का उपचार करा पाने में अक्षम हैं फिर भी आयुष्मान कार्ड लेकर वो शहर के सभी निजी और शासकीय अस्पताल का चक्कर लगा चुके हैं। अब उनको उम्मीद की किरण नजर आई है कि बहुत जल्द खुशबू की आंखें ठीक हो जाएंगी।

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