मंत्री- विधायक- अफसर नहीं पटाते टैक्स: बंगला फ्री होने के बावजूद पानी सफाई तक का नहीं दिया पैसा

मंत्री- विधायक- अफसर नहीं पटाते टैक्स : बंगला फ्री  होने के बावजूद पानी सफाई तक का नहीं दिया पैसा
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File Photo 

सरकारी बंगलों में रहने वाले मंत्री, एमएलए, मेयर से लेकर अफसर तक से बंगले का सामान्य जल शुल्क, समेकित कर और कचरा उठाने के एवज में यूजर चार्ज नहीं वसूल पाया है।

प्रदीप शर्मा - रायपुर। शहर में गरीब व मध्य वर्ग के करदाताओं से पानी, सफाई और प्रापर्टी टैक्स का पाई-पाई वसूलने वाला नगर निगम राजधानी के अलग-अलग जोन क्षेत्रों में स्थित सरकारी बंगलों में रहने वाले मंत्री, एमएलए, मेयर से लेकर अफसर तक से बंगले का सामान्य जल शुल्क, समेकित कर और कचरा उठाने के एवज में यूजर चार्ज नहीं वसूल पाया है। 10 साल में 1100 सरकारी बिल्डिंग पर 10 करोड़ का टैक्स बकाया है। इसे वसूलने जोन 4 कमिश्नरी ने मुख्यालय को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। इसी तरह जोन 3 और जोन 2 क्षेत्र के सरकारी बंगलों में टैक्स वसूली की कमोबेश इसी तरह की स्थिति है।

रायपुर नगर निगम जोन 4 कमिश्नरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 1100 सरकारी भवन मंत्री, विधायक, अफसर के हैं। सरकारी बंगले की वजह से नगर निगम इन बंगलों में रहने वालों से प्रापर्टी टैक्स नहीं ले सकता, पर यूजर चार्ज और सामान्य जलकर शुल्क की राशि नगर निगम में जमा करनी पड़ती है। हैरानी की बात ये है कि पिछले 10 साल से इन हजारों सरकारी बंगलों से निगम ने फूटी कौड़ी तक नहीं ली। 2016-17 में नगर निगम द्वारा शहरभर में कराए गए जीआईएस सर्वे के दौरान यह बात सामने आई। तब पता चला यहां तो दिया तले अंधेरा वाली स्थिति बनी है।

नगर निगम में राजस्व वसूली का मेनुवल सिस्टम चलता था
सूत्रों के मुताबिक, 2010 से पहले नगर निगम में राजस्व वसूली का मेनुवल सिस्टम चलता था, उस दौरान इन सरकारी बंगलों में जल शुल्क, समेकित कर की वसूली होती थी या नहीं, इसका रिकार्ड भी निगम के अलग-अलग जोन में सुरक्षित नहीं है। नगर निगम के राजस्व महकमे के अफसरों के मुताबिक 10 जोन में से 3 जोन ऐसे हैं, जहां सरकारी आवास विशिष्ट जनों के लिए बनाकर आवंटित किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा सरकारी बंगला जोन 4 में 1100 हैं। इसी तरह जोन 2 में देवेंद्र नगर स्थित आफिसर कालोनी हैं, जहां पर 140 सरकारी क्वाटर्स स्थित हैं। नगर निगम जोन 3 कमिश्नरी क्षेत्र में सरकारी आवास की संख्या 1345 है, जिसमें लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, उद्योग भवन के अलावा शंकर नगर क्षेत्र स्थित विधाधक और मंत्रियों के बंगले तक शामिल हैं।

जोन 4 के प्रमुख सरकारी आवासीय परिसर

  1. शांतिनगर स्थित फारेस्ट कालोनी
  2. इंद्रावती नगर की सिंचाई कालोनी
  3. पुलिस लाइन क्षेत्र स्थित पुलिस क्वार्टर
  4. सेल टैक्स कालोनी
  5. बैरनबाजार के नलघर चौक का मेयर बंगला
  6. सीएम, डिप्टी सीएम सहित अन्य मंत्रियों के बंगले


मंत्री, विधायक और महापौर को खुद करना है भुगतान
सरकारी आवास आवंटन जिनके नाम से आवंटित है उस अधिकारी, जन प्रतिनिधि या कर्मचारी ही संबंधित अवधि का सामान्य जल कर, समेकित व यूजर चार्ज का भुगतान करना होगा। सरकारी आवास होने की वजह से उस बंगले पर नगर निगम का प्रापर्टी टैक्स नहीं लगेगा। इस हिसाब से नगर निगम द्वारा कराए गए जीआईएस सर्वे के बाद डिमांड नोट तैयार कर निगम मुख्यालय से मार्गदर्शन मांगा गया है। ताकि संबंधित व्यक्ति से बकाया टैक्स की वसूली की जा सके।

राजस्व विभाग के तरफ से नगर निगम द्वारा डिमांड नोट भेज रहे हैं
नगर निगम रायपुर आयुक्त विश्दीप ने बताया ने बताया कि, डिमांड नोट भेज रहे है, संबंधित को करना होगा भुगतान शहर के सरकारी बंगलों पर यूजर चार्ज, सामान्य जलकर सहित समेकित कर की बकाया राशि का भुगतान करने राजस्व विभाग के तरफ से नगर निगम द्वारा डिमांड नोट भेज रहे हैं। उस अवधि में जिनके नाम बंगला आवंटित रहा उनसे बकाया कर की वसूली नियम अनुसार होगी।

मैं भी करूंगी भुगतान
नगर निगम रायपुर महापौर मीनल चौबे ने बताया कि, कोई भी जनप्रतिनिधि हो सरकारी बंगलों का उपयोग करने पर संबंधित समय अवधि का यूजर चार्ज, सामान्य जल कर और समेकित कर नगर निगम को भुगतान करना चाहिए। ये हम सबकी जिम्मेदारी है, मैं खुद भी महापौर बंगले का निगम से संबंधित जो भी कर देय होगा उसका भुगतान करूंगी। हम सब जिम्मेदार नागरिक हैं इसलिए किसी भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी व जन प्रतिनिधि को इसमें किसी तरह की आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

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