दूध कंपनी के खिलाफ यादव समाज का प्रदर्शन: एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, बोले- स्थानीय पशुपालकों की आजीविका पर खड़ा हो रहा बड़ा संकट

दूध कंपनी के खिलाफ यादव समाज का प्रदर्शन : एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, बोले- स्थानीय पशुपालकों की आजीविका पर खड़ा हो रहा बड़ा संकट
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एसडीएम को ज्ञापन सौंपते यादव समाज के लोग 

भाटापारा क्षेत्र के यादव समाज ने एक निजी दूध कंपनी के खिलाफ एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। उनका कहना है कि, कंपनी के दुष्प्रचार से स्थानीय पशुपालकों को नुकसान हो रहा है।

तुलसीराम जायसवाल- भाटापारा। छत्तीसगढ़ के भाटापारा क्षेत्र के यादव समाज और अन्य स्थानीय दूध विक्रेताओं ने निजी दूध कंपनी के खिलाफ मंगलवार को एसडीएम कार्यालय के सामने जोरदार नारेबाजी की। समाज के लोगों ने कंपनी पर स्थानीय पशु पालकों और परंपरागत दूध व्यवसाय करने वालों के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और उचित कार्रवाई की मांग की।

ज्ञापन में कहा गया है कि, उक्त निजी दूध कंपनी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पंपलेट प्रकाशित कर स्थानीय दूध विक्रेताओं के खिलाफ भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। पंपलेट में परंपरागत तरीके से दूध व्यवसाय करने वालों पर खराब और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दूध बेचने जैसे आरोप लगाए गए हैं। इससे आम जनता को स्थानीय दूध विक्रेताओं से सीधे दूध न खरीदकर पैकेट दूध लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

स्थानीय पशुपालकों की आजीविका पर खड़ा हो रहा बड़ा संकट
यादव समाज का कहना है कि, इस तरह के दुष्प्रचार के कारण स्थानीय पशुपालक और घर-घर जाकर दूध बेचने वाले विक्रेता मजबूर होकर दूध कंपनी के संग्रहण केंद्रों में दूध बेचने को विवश हो रहे हैं। इससे विशेष रूप से यादव समाज के उन परिवारों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है, जो परंपरागत रूप से पशुपालन और दूध व्यवसाय पर निर्भर हैं।

स्थानीय पशुपालकों को हो रहा भारी आर्थिक नुकसान
समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि, उक्त दूध कंपनी द्वारा जारी पंपलेट से स्थानीय पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है, जिससे समाज में गहरा आक्रोश है। उन्होंने मांग की कि ऐसे दुष्प्रचार करने वाली कंपनी के खिलाफ न्यायहित में सख्त कार्रवाई की जाए।

उच्च अधिकारियों और मंत्री को मांगों से कराया जाएगा अवगत- एसडीएम
इस मौके पर भाटापारा एसडीएम श्यामा पटेल ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए यादव समाज को आश्वासन दिया कि, उनकी मांगों को उच्च अधिकारियों एवं मंत्री स्तर तक पहुंचाया जाएगा और मामले पर नियमानुसार कार्रवाई के लिए पहल की जाएगी।

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