सड़क किनारे थैले में मिली नवजात: लोगों की सूझबूझ से बची जान, जांच में जुटी पुलिस

झोले में जीवित नवजात शिशु
रामचरित द्विवेदी- मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले में ग्राम पंचायत चनवारीडांड, डिपो के पास सुबह का दृश्य हर किसी का दिल दहला देने वाला था। रात की खामोशी उस वक्त टूटी, जब सड़क किनारे पड़े एक झोले से आती हल्की सिसकियों ने सुबह टहलने निकलने वालों के कदम थाम दिए।
पास जाकर देखा गया तो थैले में लिपटा हुआ एक नवजात बच्ची था, अकेला, असहाय, लेकिन जीवित। यह नजारा देखकर हर किसी के मन में एक ही पंक्ति कौंध गई- 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय। घटना की सूचना मिलते ही सरपंच सोनू किन्नर और ग्रामीण बिना एक पल गंवाए मौके पर पहुँचे और मासूम को गोद में उठाकर तुरंत अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। बता दें कि, स्वास्थ्य अमले की निगरानी में नवजात बच्ची अभी स्वस्थ्य है।
एमसीबी जिले में सड़क किनारे झोले में एक नवजात बच्चा मिला। सरपंच सोनू किन्नर और ग्रामीणों की तत्परता से बच्चे की जान बच गई। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है। @MCBDistrictCG #Chhattisgarh pic.twitter.com/i0PPJfwioA
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) November 21, 2025
मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस
अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ ने तत्परता दिखाते हुए बच्चे को प्राथमिक उपचार दिया। फिलहाल नन्हीं जान सुरक्षित बताई जा रही है और उसे मेडिकल टीम की विशेष निगरानी में रखा गया है। उधर, मामले की खबर लगते ही कोतवाली मनेंद्रगढ़ पुलिस भी अस्पताल पहुँच गई है और पूरी घटना की जांच शुरू कर दी गई है।

सीढ़ियों पर मिली नवजात बच्ची, विधायक रिकेश ने की मुख्यमंत्री से चर्चा
वहीं कुछ दिन पहले भी भिलाई के वैशाली नगर विधानसभा अंतर्गत जामुल थाना क्षेत्र के गोकुल धाम से बरामद लावारिस बच्ची जिला अस्पताल दुर्ग में थी। विधायक रिकेश सेन ने दुर्ग चिकित्सालय में बच्ची के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के बाद कलेक्टर और मुख्यमंत्री से चर्चा की है। श्री सेन ने बताया कि, इस लावारिस बच्ची को गोद लेने के इच्छुक दम्पत्ति कलेक्टर दुर्ग को आवेदन दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री से बच्ची के संबंध में चर्चा हुई है। अगर उसे गोद लेने के लिए आवेदन नहीं मिलते हैं तो उसके लालन-पालन की सम्पूर्ण जवाबदेही राज्य सरकार उठाएगी।
माता-पिता का पता लगाने में जुटी पुलिस
फिलहाल, पुलिस प्रशासन बच्ची के माता पिता के संबंध में पतासाजी कर रहा है। बच्ची पूरी तरह सुरक्षित है और मेडिकल टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही है। उन्होंने कहा कि, यह पता लगाना पुलिस की प्राथमिकता है कि बच्ची किसकी है और किस परिस्थिति में उसे यहां छोड़ा गया। पुलिस आगे की जांच और कार्रवाई कर रही है।
खंडहर की सीढ़ियों पर ठंड से कांपती मिली थी नवजात बच्ची
आपको बता दें कि, अयोध्या नगर के एक खंडहर की सीढ़ियों पर बच्ची को ठंड से कांपती और रोती हालत में देख लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी। बच्ची कंबल में लिपटी थी। स्थानीय लोगों ने बच्ची की हालत देख डायल 112 को सूचना दी। पुलिस टीम सुबह करीब 7 बजे मौके पर पहुंची और बच्ची को तुरंत दुर्ग जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका उपचार जारी है। जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची दो दिन से अधिक की प्रतीत हो रही है। उसकी मेडिकल जांच की जा रही है और हालत स्थिर है।
