सूदखोरों से परेशान व्यक्ति ने लगाई फांसी: सर्राफा व्यापारी पर लगे प्रताड़ित करने के आरोप, एक महीने बाद भी पुलिस के हाथ खाली

मृतक रामखिलावन साहू
X

मृतक रामखिलावन साहू 

राजनांदगांव जिले में सूदखोरों से परेशान एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के एक महीने बाद भी अब तक पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

अक्षय साहू- राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में सूदखोरों और आढ़तियों की प्रताड़ना से तंग आकर एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान रामखिलावन साहू के रूप में हुई है, जिनका शव 19 नवंबर को धान खरीदी केंद्र के पास एक पेड़ पर लटका मिला था। मृतक का लिखा सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाये हैं।

रामखिलावन साहू की आत्महत्या के मामले में पुलिस की कार्रवाई कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। 19 नवंबर को हुई इस दुखद घटना के लगभग 25 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे परिजनों और स्थानीय लोगों में काफी रोष है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार पुलिस जल्द ही कार्रवाई कर सकती है।

सर्राफा व्यापारी पर ब्याज की वसूली के आरोप
मृतक रामखिलावन साहू ने आत्महत्या से पहले छोड़े सुसाइड नोट में शहर के प्रमुख सर्राफा व्यापारी राजेंद्र गोलछा (आर.के. ज्वेलर्स के मालिक), आढ़तिया उमेश पालीवाल, रमेश पालीवाल और शिव कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे। इनमें ऊंचे ब्याज की वसूली, लगातार धमकियां, मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक रूप से अपमानित करने जैसे गंभीर इल्जाम शामिल हैं।

कार्रवाई में हो रही देरी, अब तक गिरफ़्तारी नहीं
सुसाइड नोट में इन नामों का स्पष्ट उल्लेख होने के बावजूद कार्रवाई में देरी से शहर में चर्चा जोरों पर है कि कहीं प्रभावशाली लोगों के रसूख के कारण न्याय में बाधा तो नहीं आ रही। रिपोर्ट्स के मुताबिक 5% मासिक ब्याज, लगातार धमकियां, मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान, इन इल्जामों ने रामखिलावन की जिंदगी को नर्क बना दिया था। नोट में साफ-साफ नाम लिखे होने के बावजूद, घटना के पूरे 25 दिन बीत जाने के बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई।

जनआक्रोश के बाद एफआईआर दर्ज
घटना के बाद शुरुआती दिनों में पुलिस ने केवल मर्ग दर्ज किया और करीब दो सप्ताह तक एफआईआर दर्ज करने में हिचक दिखाई। बाद में मीडिया कवरेज, सोशल मीडिया पर जनआक्रोश और स्थानीय दबाव के कारण चारों नामजद आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया। लेकिन उसके बाद जांच की गति धीमी पड़ गई। आरोपियों की दुकानें सामान्य रूप से चल रही हैं, जबकि परिजन न्याय की प्रतीक्षा में हैं।

रसूकदारों के दबाव में पुलिस
परिजनों का कहना है कि, प्रभावशाली आरोपियों के नाम आने के कारण पुलिस कार्रवाई में संकोच कर रही है, जबकि सामान्य मामलों में गिरफ्तारी तुरंत हो जाती है। दूसरी ओर, पुलिस अधीक्षक ने निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story