नक्सली दंपति पर बड़ा खुलासा: बनाना चाहते थे शहरी नेटवर्क , 10 तोला सोने का बिस्किट बरामद

नक्सली दंपति पर बड़ा खुलासा : बनाना चाहते थे शहरी नेटवर्क , 10 तोला सोने का  बिस्किट बरामद
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नक्सली दंपति

डीडीनगर थाना क्षेत्र के चंगोराभाठा में स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एसआईए) की टीम ने जिस नक्सली दंपति को मंगलवार को गिरफ्तार किया है।

रायपुर। डीडीनगर थाना क्षेत्र के चंगोराभाठा में स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एसआईए) की टीम ने जिस नक्सली दंपति को मंगलवार को गिरफ्तार किया है, उनके द्वारा राजधानी सहित कई शहरों में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क खड़े करने की जिम्मेदारी दी गई थी। नक्सली दंपति के कब्जे से पुलिस ने 10 लाख रुपए से ज्यादा कीमत के सोने के बिस्किट के साथ एक लाख रुपए कैश जब्त किया है। सूत्रों के मुताबिक एसआईए ने जिस नक्सली दंपति को कैश जब्त किया है, वो दरभा डिवीजन के डीसीएम मेंबर थे। सूत्रों के मुताबिक, दोनों इनामी नक्सली थे। पुरुष आठ तथा महिला पांच लाख रुपए की इनामी नक्सली थी। गिरफ्तार नक्सलियों के खिलाफ डीडी नगर थाने में धारा 147, 148, 61 तथा बीएनएस की धारा 17, 18, 19, 20, 38, 39, 40 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। एसआई ने मूलतः बीजापुर, गंगालूर निवासी जग्गू कुरसम उर्फ रवि उर्फ रमेश (28) तथा उसकी पत्नी कमला कुरसम को गिरफ्तार किया है।

पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक करीब दो माह पूर्व नक्सली दंपति चंगोराभाठा में हेमंत देवांगन के चाल में मकान किराया पर लेकर रह रहे थे। गिरफ्तार नक्सलियों को संगठन को मजबूत करने जिम्मेदारी दी गई थी। बस्तर में चलाए जा रहे नक्सली उन्मूलन अभियान को देखते हुए नक्सली सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जंगल छोड़ मैदानी इलाके को अपना ठिकाना बना रहे हैं सूत्रों के मुताबिक, एसआईए ने जिस नक्सली दंपति को गिरफ्तार किया है, उनकी निगरानी की जा रही थी। इस दौरान नक्सली दंपति सुरक्षाबलों की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गए। इस दौरान सुरक्षाबलों ने नक्सली दंपति के बारे में जानकारी जुटाई। इस दौरान उनके मैदानी क्षेत्र में होने की सूचना मिली। इसके बाद उनके मोबाइल नंबर के बारे में जानकारी जुटाई गई। मोबाइल का लोकेशन रायपुर होना पाया गया। लोकेशन रायपुर होने की जानकारी मिलने पर एसआईए ने नंबर ट्रेस कर दंपति को ट्रेस कर गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की

रसद इंतजाम करने से लेकर कई जिम्मेदारी
पूछताछ में नक्सली दंपति ने पुलिस को बताया है कि, उन्हें रायपुर में शहरी नेटवर्क खड़ा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके अलावा नक्सलियों के लिए रसद, दवाई की व्यवस्था कर भेजने की जिम्मेदारी दंपति पर थी। साथ ही बड़े कैडर के नक्सलियों के लिए राजधानी में उपचार कराए जाने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी नक्सली दंपति की थी।

मजदूर की तरह रह रहे थे
गिरफ्तार नक्सली जिस मकान में किराए पर रहते थे. उसके पड़ोस में रहने वाली एक महिला हेमलता देवांगन ने हरिभूमि को बताया कि जिस दंपति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनका रहन सहन मजदूरों जैसा था। दोनों पति-पत्नी किसी से बात नहीं करते थे। सुबह साढ़े सात से आठ बजे के करीब मजदूरी करने जाने की बात कह कर निकल जाते थे। देर शाम साढ़े सात बजे के करीब आते थे। उसके बाद दोनों पति-पत्नी दरवाजा बंद कर सो जाते थे।

किनकी मदद से पहुंचे पुलिस जानकारी जुटा रही
नक्सली दंपति रायपुर में किनकी मदद से पहुंचे। उनके रहने के लिए किसने इंतजाम किया, एसआईए की टीम उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक जग्गू ने अपनी पत्नी के नाम का फर्जी आधार कार्ड बनाकर मकान किराए पर लिया था। जग्गू ने अपनी पत्नी के नाम से कहां और कैसे फर्जी आधार कार्ड बनवाया, पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है। साथ ही जग्गू की रायपुर में किन-किन लोगों के साथ मेल मुलाकात थी,पुलिस इस बारे में जानकारी जुटा रही है।

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