खबर का असर: स्वास्थ्य विभाग ने 102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस के चालक को बर्खास्त कर भेजा जेल

खबर का असर : स्वास्थ्य विभाग ने 102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस के चालक को बर्खास्त कर भेजा जेल
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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी 

राजनांदगांव जिले में '102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस सेवा' से शराब तस्करी करने वाले चालक को बर्खास्त कर जेल भेज दिया गया है।

अक्षय साहू- राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण '102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस सेवा' को कलंकित करने वाले एक चालक को बर्खास्त कर जेल भेज दिया गया है। हरिभूमि डॉट कॉम की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चालक इंद्र साहू उर्फ राहुल साहू को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। साथ ही, जिला समन्वयक राजनिश श्रीवास्तव से मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस घटना ने विभाग में निगरानी बढ़ाने का संकेत दिया है, ताकि ऐसी अवैध गतिविधियां दोबारा न हों।

मामला छुरिया ब्लॉक के ग्राम पैरीटोला का है, जहां 29 सितंबर को थाना छुरिया पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस (वाहन क्रमांक सीजी 07-सीपी 3015) को रोका। जांच में वाहन से 16 पेटी अवैध महाराष्ट्र निर्मित देशी शराब (कुल 138.240 लीटर) बरामद हुई। चालक राहुल साहू (उम्र अज्ञात, निवासी छुरिया क्षेत्र) ने एम्बुलेंस का दुरुपयोग कर शराब तस्करी करने की कोशिश की थी। पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शराबबंदी कानून के तहत यह अपराध गंभीर है, जिसकी कीमत हजारों रुपये आंकी गई है।

जिला समन्वयक से 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा
हरिभूमि डॉट कॉम 29 सितंबर की ब्रेकिंग रिपोर्ट ने इसको उजागर किया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने 1 अक्टूबर को कार्रवाई की। विभाग ने स्पष्ट किया कि 102 महतारी सेवा एक्सप्रेस, जो गर्भवती महिलाओं और आपातकालीन मरीजों के लिए जीवनरक्षक है, का किसी अवैध कार्य में दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला समन्वयक राजनिश श्रीवास्तव को नोटिस जारी कर 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, चालक की बर्खास्तगी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में निगरानी बढ़ाने के दिए निर्देश
यह घटना महतारी एक्सप्रेस योजना पर सवाल खड़े करती है, जो मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में महिलाओं के स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए शुरू की गई थी। अब तक राज्य में सैकड़ों एम्बुलेंस सेवाएं संचालित हो रही हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं विश्वास को कमजोर करती हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, जिसमें नियमित जांच, चालकों की पृष्ठभूमि जांच और जीपीएस ट्रैकिंग को सख्ती से लागू करना शामिल है। जिला कलेक्टर ने भी पुलिस से मिलकर आगे की जांच के आदेश दिए हैं।

ग्रामीणों ने इस निर्णय को सराहा
स्थानीय निवासियों ने इस कार्रवाई की सराहना की है। एक ग्रामीण ने कहा कि, एम्बुलेंस जीवन बचाने के लिए है, न कि अपराध के लिए। हरिभूमि डॉट कॉम की खबर ने सिस्टम को झकझोरा। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग का संयुक्त प्रयास जारी है, ताकि छुरिया जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में सेवाएं सुरक्षित रहें। यह मामला अन्य जिलों के लिए चेतावनी है कि अवैध तस्करी पर सख्ती बरती जाएगी।

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