धरने पर बैठीं CRP-सक्रिय महिला संघ: 6 सूत्रीय मांगों को लेकर मानदेय बढ़ाने की उठी आवाज, सड़कों पर दिखा आक्रोश

धरने पर बैठीं CRP-सक्रिय महिला संघ
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धरने पर बैठी हुईं सीआरपी और सक्रिय महिला संघ की महिलाएं

मुंगेली जिले के लोरमी में सीआरपी-सक्रिय महिलाओं ने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने बैठ गई हैं। सड़कों पर गजब का आक्रोश देखने को मिल रहा है।

राहुल यादव- लोरमी। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी में एनआरएलएम बिहान योजना के तहत काम करने वाली सीआरपी और सक्रिय महिलाओं का आक्रोश अब सड़कों पर दिखाई देने लगा है। महिलाओं का आरोप है कि, मात्र 1910 रुपये मानदेय, बढ़ता मोबाइल-नेट खर्च, मीटिंगों के लिए यात्रा भत्ता न मिलना और वर्षों से काम कर रहीं महिलाओं को हटाए जाने जैसी समस्याओं ने काम करना मुश्किल कर दिया है।

यह कह रही हैं महिलाएं
महिलाओं का कहना है कि, 15 हजार के मोबाइल, 300–350 रुपये के नेट रिचार्ज और लगातार मीटिंगों के बीच 1910 रुपये में काम चलाना असंभव है। कई जगह प्रोत्साहन राशि भी महीनों से अटकी हुई है।

सवाल पूछने पर मिलती है हटाने की धमकी- मंजु यादव
प्रांत महासचिव बिंदु यादव ने कहा कि, हम सरकार का काम करते हैं, पर कर्मचारी भी नहीं माना जाता। 1910 में मोबाइल-नेट और यात्रा कैसे करें? वहीं कई जिलों में महिलाओं को 5-6 महीने बाद नगद भुगतान, वह भी कटौती के साथ करने का आरोप भी लगाया गया है। ब्लॉक अध्यक्ष मंजु यादव ने कहा कि, कभी पैसा बैंक में नहीं आता, कभी काटकर दे देते हैं। सवाल पूछो तो हटाने की धमकी मिलती है।


महिलाओं की ये हैं मांगें
महिलाओं ने शासन के सामने मानदेय वृद्धि, न्यूनतम वेतन, नियमित भुगतान, मोबाइल-नेट, यात्रा भत्ता, नियुक्ति पत्र और नियमितीकरण जैसी 6 अहम मांगें रखी हैं। जब गांव-गांव महिला सशक्तिकरण लागू कराने वाली ये ही महिलाएं शोषण झेलेंगी, तो योजना जमीन पर कैसे सफल होगी? अब नज़रें शासन पर हैं, महिलाओं की जायज मांगों पर कब होगा फैसला?




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