लोकसभा में बोले सांसद संतोष पाण्डेय: बस्तर में नक्सलवाद समापन की ओर, जताया केंद्र सरकार का आभार

लोकसभा में सांसद संतोष पाण्डेय का संबोधन
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता और सांसद संतोष पाण्डेय ने लोकसभा में चलते विमर्श के दौरान देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हुए कामों को 'आंतरिक सुरक्षा का स्वर्णकाल' बताया।
‘छत्तीसगढ़ की ओर से आभार व्यक्त करने खड़ा हूँ’
लोकसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए सांसद पाण्डेय ने कहा, 'मैं सरगुजा से लेकर पूरे बस्तर और संपूर्ण छत्तीसगढ़ की ओर से प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए खड़ा हूँ। भारत के इतिहास में आंतरिक सुरक्षा पर जब भी लिखा जाएगा, तो मोदी और शाह का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा।' उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने समयबद्ध लक्ष्य के साथ काम करते हुए माओवाद और लाल आतंक को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए हैं।
लोकसभा में आंतरिक सुरक्षा पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद संतोष पाण्डेय ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के नेतृत्व को अभूतपूर्व बताते हुए इसे ‘आंतरिक सुरक्षा का स्वर्णकाल’ कहा।@loksabha #mpsantoshpandey #BJP @BJP4CGState pic.twitter.com/WY3ol18wPs
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) December 8, 2025
दण्डकारण्य से लेकर बस्तर तक- नक्सलवाद समापन की ओर
सांसद पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि यह वही दण्डकारण्य क्षेत्र है, जहाँ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार कार्य किया है और आज नक्सलवाद समापन की ओर बढ़ रहा है।
नक्सलवाद खात्मे को लेकर लोकसभा में बोले सांसद संतोष पाण्डेय कहा, यह वही दण्डकारण्य क्षेत्र है जहाँ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार कार्य किया है और आज नक्सलवाद समापन की ओर बढ़ रहा है, मै छत्तीसगढ़ की ओर से आभार व्यक्त करता हूं।@loksabha#mpsantoshpandey #BJP@BJP4CGState pic.twitter.com/KssXiBqczs
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दृढ़ संकल्प और सुरक्षा बलों की भूमिका
उन्होंने कहा 'नक्सलवाद, अर्बन नक्सलवाद, पत्थरबाजी और आतंकवाद केवल दृढ़ संकल्प से समाप्त होते हैं।' और उन्होंने बताया कि जब देश की निगाहें सीमाओं की सुरक्षा पर केंद्रित थीं, तब दूसरी ओर केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान, गृहमंत्री शाह के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की शांति और विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे थे।
