कृषक उन्नति योजना से चमका छत्तीसगढ़: धान खरीदी 145 लाख MT पार, किसानों की आय दोगुनी

कृषक उन्नति योजना के विस्तार में दलहन, तिलहन और मक्का को भी लाभ
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की 'कृषक उन्नति योजना' राज्य के किसानों के लिए अब तक की सबसे महत्वपूर्ण पहल बनकर उभरी है। 12 मार्च 2024 को शुरू हुई इस योजना ने न केवल धान खरीदी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया, बल्कि किसानों की आय को भी कई गुना बढ़ा दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन (25 दिसंबर) पर की गई घोषणा के बाद, इस योजना को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिली और इसे पूरे राज्य में लागू किया गया। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम देना, खेती की लागत कम करना और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना है।

कम लागत, अधिक उत्पादन और बेहतर बाजार मूल्य
कृषक उन्नति योजना का मुख्य उद्देश्य खेती की लागत को कम करना, उत्पादकता बढ़ाना और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत पंजीकृत किसानों से सरकार धान की खरीद ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से करती है, ताकि उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके। इसके साथ ही किसानों को उनकी उपज के लिए एकमुश्त बोनस राशि (आदान सहायता) सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है।
धान के मूल्य में बढ़ोतरी
किसानों को अब धान बेचने पर पहले की तुलना में अधिक लाभ मिल रहा है, क्योंकि पहले जहां वे केवल MSP (2023–24 में सामान्य धान का MSP ₹2,183) पर बिक्री करते थे, वहीं अब MSP के साथ आदान सहायता राशि (input assistance) जोड़कर उन्हें ₹3100 प्रति क्विंटल का भुगतान मिलता है।

खरीदी की सीमा भी बढ़ाई गई
धान खरीदी सीमा को 15 क्विंटल प्रति एकड़ से बढ़ाकर 21 क्विंटल कर दिया गया है, जिससे किसान अधिक उपज बेच पा रहे हैं।
प्रक्रिया में पारदर्शिता
पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए टोकन तुंहर हाथ (Token Tunhar Haath) ऑनलाइन ऐप और माइक्रो एटीएम सुविधा की शुरुआत की गई है, जिससे धान की बिक्री से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया बेहद आसान और तेज हो गई है।
आर्थिक सशक्तिकरण
किसानों को धान का उचित मूल्य मिलने से उनकी क्रय शक्ति (purchasing power) बढ़ी है और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
जीवन स्तर में सुधार
तिरिक्त आय से किसान अपने अधूरे काम पूरे कर पा रहे हैं, बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं और आधुनिक कृषि उपकरण खरीद रहे हैं।

फसल विविधीकरण
धान के अलावा अन्य फसलें (दलहन, तिलहन, मक्का आदि) उगाने पर प्रति एकड़ ₹10,000 की अतिरिक्त आदान सहायता राशि का प्रावधान है, जो किसानों को वैकल्पिक खेती के लिए प्रोत्साहित करता है।
धान खरीदी की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि
धान खरीदी के आँकड़ों से स्पष्ट है कि इस योजना ने राज्य में धान उत्पादन और खरीदी दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि की है। प्रारंभिक वर्षों में जहाँ राज्य में धान खरीदी मुश्किल से 5 लाख मीट्रिक टन तक सीमित थी, वहीं हाल के वर्षों में इसमें बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है।
खरीफ विपणन वर्ष 2022-23: लगभग 107.52 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी
खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 (योजना लागू होने के बाद): लगभग 145 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की गई, जो एक नया रिकॉर्ड है
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 (अनुमानित): 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीदी का लक्ष्य रखा गया

साय सरकार की भूमिका और उपलब्धियाँ
भाजपा सरकार किसानों के सम्मान को अपनी पहचान बताते हुए उनके विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का दावा करती है। सरकार के अनुसार, यह योजना “मोदी की गारंटी” को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
तेज भुगतान प्रणाली (DBT)
DBT (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में 72 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
धान खरीदी केंद्रों पर सुविधाओं का विस्तार, बारदाना उपलब्धता में सुधार और सिंचाई परियोजनाओं के लिए ₹2,800 करोड़ की मंजूरी जैसे कदम उठाकर कृषि बुनियादी ढाँचे को मजबूत किया जा रहा है।
नकद प्रोत्साहन
₹13,320 करोड़ की आदान सहायता राशि सीधे किसानों के खातों में हस्तांतरित की गई है, जिसने किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी महत्वपूर्ण गति प्रदान की है।

पात्रता और आवश्यक शर्तें
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान का छत्तीसगढ़ राज्य का निवासी होना आवश्यक है, लाभार्थी का एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है, क्योंकि योजना के तहत सहायता केवल पंजीकृत किसानों को ही प्रदान की जाती है। साथ ही, योजना का लाभ उसी रकबे पर मिलता है जो गिरदावरी यानी फसल की पुष्टि में सत्यापित हो चुका हो। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए सहायता राशि सीधे DBT के माध्यम से किसान के बैंक खाते में भेजी जाती है, जिससे उन्हें समय पर और बिना किसी बाधा के लाभ मिल सके।

आवेदन प्रक्रिया- किसान कैसे उठाएँ लाभ?
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण या अन्य जानकारी हेतु किसान अपने नजदीकी कृषि विस्तार अधिकारी, ग्राम पंचायत कार्यालय या विकासखंड कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही, टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551 पर कॉल कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस प्रक्रिया ने किसानों के लिए योजना से जुड़ना आसान बनाया है और खेती को घाटे के बजाय लाभ का माध्यम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कृषि क्षेत्र आज पहले से अधिक सशक्त
कृषक उन्नति योजना किसानों की आय को सुरक्षित और स्थिर करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे खेती घाटे का नहीं बल्कि लाभ का सौदा बनी है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र आज पहले से अधिक सशक्त, संगठित और विकसित दिखाई देता है।
