प्रशासन का 'तुगलकी' फरमान: कोतबा साप्ताहिक बाजार में पार्किंग स्थल दिए बिना लगाया 'नो पार्किंग' का बोर्ड, सड़कों पर वाहनों का मेला

प्रशासन का तुगलकी फरमान : कोतबा साप्ताहिक बाजार में पार्किंग स्थल दिए बिना लगाया नो पार्किंग का बोर्ड, सड़कों पर वाहनों का मेला
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नो पार्किंग का बोर्ड 

कोतबा नगर पंचायत में प्रशासन ने बिना पार्किंग स्थल दिए बिना नो पार्किंग का बोर्ड लगा दिया गया. जिसके बाद सड़कों पर वाहनों का मेला लगेगा।

मयंक शर्मा- ​कोतबा। छत्तीसगढ़ के कोतबा नगर पंचायत के साप्ताहिक बाजार में अव्यवस्था की खबर प्रकाशित होने के बाद नगरीय प्रशासन हरकत में तो आया, लेकिन उनकी कार्रवाई ने समस्या को सुलझाने के बजाय और अधिक उलझा दिया है। इसे मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की वाली कहावत चरितार्थ होती दिख रही है।​ प्रशासन ने आनन-फानन में बाजार स्थल की साफ-सफाई तो करवा दी। लेकिन पार्किंग की विकराल समस्या का कोई तार्किक समाधान निकालने के बजाय, पूरे क्षेत्र को 'नो पार्किंग जोन' घोषित कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है।

नगरीय प्रशासन ने ​बिना विकल्प दिए थमाया जुर्माने का फरमान जगह जगह चस्पा कर दिया। ​नगर पंचायत कोतबा ने बाजार स्थल पर जगह-जगह सूचना पटल चस्पा कर दिए हैं, जिन पर अवैध पार्किंग करने पर 500 रुपये के जुर्माने की चेतावनी लिखी है। हैरानी की बात यह है कि प्रशासन ने यह तो बता दिया कि वाहन कहाँ नहीं खड़े करने हैं, लेकिन यह बताने की जहमत नहीं उठाई कि हजारों की संख्या में आने वाले वाहन आखिर खड़े कहाँ होंगे।


आधा किलोमीटर तक लगा वाहनों का जमावड़ा
​प्रशासन के इस आदेश का नतीजा यह हुआ कि जुर्माने के डर से लोग अब बाजार स्थल के बजाय मुख्य सड़क के दोनों किनारों पर अपने वाहन खड़े कर रहे हैं। आम जन बाजार करने के लिए ​सड़क पर ही अतिक्रमण कर दिए है। लैलूंगा मुख्य मार्ग पर दोनों ओर लगभग आधे किलोमीटर तक दोपहिया और चारपहिया वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं।

जाम और दुर्घटना का भय
सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण मुख्य मार्ग अब और भी संकरा हो गया है। इससे न केवल लंबा जाम लग रहा है। बल्कि, तेज रफ्तार वाहनों से किसी बड़ी दुर्घटना की संभावना पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। बाजार के दिन सड़क पर पैदल चलने वालों के लिए भी जगह नहीं बची है। प्रशासन की इस अदूरदर्शिता के कारण राहगीरों और वाहन चालकों के बीच विवाद की स्थितियां भी निर्मित हो रही हैं।

खानापूर्ति तक सीमित प्रशासन
​स्थानीय बुद्धिजीवियों और नागरिकों का कहना है कि प्रशासन ने केवल अपनी सक्रियता दिखाने के लिए यह कदम उठाया है। जबकि जमीनी हकीकत को नजरअंदाज किया गया है। पुलिस चौकी प्रभारी द्वारा पूर्व में चिन्हित पार्किंग स्थल बनाने के सुझाव पर अमल करने के बजाय, प्रशासन ने प्रतिबंधात्मक रवैया अपना लिया है, जो अब जनता के लिए सिरदर्द बन गया है। ​सवाल अब भी वही है की क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है, या जल्द ही कोई सुरक्षित और व्यवस्थित पार्किंग स्थल उपलब्ध कराएगा। ​भले ही अधिकारी जल्द व्यवस्था सुधारने का दावा कर रहे हों, लेकिन वर्तमान हालात चिंताजनक हैं। प्रशासन की अदूरदर्शिता बिना ठोस विकल्प दिए 'नो पार्किंग' घोषित करना आम जनता और राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। अब देखना यह होगा कि जल्द सीमांकन का आश्वासन कब धरातल पर उतरता है और कब कोतबा वासियों को इस जाम के झाम से मुक्ति मिलती है।


बाजार स्थल का निरीक्षण करेंगे व्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था- सीएमओ
इस मामले को लेकर सीएमओ टी.आर. यादव ने कहा कि, समस्या का निराकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। हमने वैकल्पिक पार्किंग के तौर पर कुछ निजी जमीनों में व्यवस्था बनाई थी, लेकिन वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण वह जगह छोटी पड़ गई। इस वजह से लोग सड़क किनारे वाहन खड़े कर रहे हैं। उच्चाधिकारियों को इस गंभीर समस्या से अवगत करा दिया गया है। जल्द ही बाजार डाँड़ स्थल का सीमांकन (Demarcation) कर व्यवस्थित पार्किंग बनाई जाएगी।

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