जशपुर जिले में शिक्षा व्यवस्था की शर्मनाक स्थिति: नन्ही बच्चियों के हाथों में किताब की जगह गोबर और पानी का भारी बर्तन, देखिए VIDEO

जशपुर जिले में शिक्षा व्यवस्था की शर्मनाक स्थिति : नन्ही बच्चियों के हाथों में किताब की जगह गोबर और पानी का भारी बर्तन, देखिए VIDEO
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गोबर ढोती हुई बच्चियां 

पत्थलगांव विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें छोटी बच्चियां सड़क पर भारी बाल्टी में गोबर और अन्य सामग्री ढोते हुए नजर आ रही हैं।

मयंक शर्मा- ​कोतबा। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड से एक ऐसा मामला सामने आया है जो न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि बाल अधिकारों का भी खुला उल्लंघन है। ताजा मामला पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत खजरीढाब स्थित शासकीय प्राथमिक शाला का है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों में स्कूल की ड्रेस पहने छोटी-छोटी बच्चियां सड़क पर भारी बाल्टी में गोबर और अन्य सामग्री ढोते हुए नजर आ रही हैं। वहीं, स्कूल परिसर के भीतर छोटे बालक भारी-भरकम बर्तन उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

​हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ स्कूल के समय में हो रहा है, जब इन बच्चों के हाथों में कलम और किताब होनी चाहिए थी। वीडियो में जब राहगीरों ने बच्चियों से पूछा कि उन्हें किसने भेजा है, तो उन्होंने दबी जुबान में स्कूल की 'मैडम' का नाम लिया। यह स्पष्ट करता है कि शिक्षकों के आदेश पर ही बच्चों को स्कूल परिसर से बाहर काम करने भेजा गया था।

​नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां
शासकीय स्कूलों में साफ-सफाई, खाना बनाने और अन्य कार्यों के लिए शासन द्वारा रसोइया और चपरासी (भृत्य) की नियुक्ति की जाती है। इसके बावजूद, खजरीढाब प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षकों को न तो कानून का डर है और न ही उच्च अधिकारियों का। बच्चों को पढ़ाई करवाने के बजाय उनसे मवेशियों का गोबर मंगाना और भारी बर्तन उठवाना बाल श्रम और 'शिक्षा के अधिकार अधिनियम' (RTE) का सीधा उल्लंघन है।

अभिभावकों और ग्रामीणों में आक्रोश
इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजते हैं, न कि गोबर ढोने और मजदूरी करने के लिए। स्कूल प्रबंधन की इस लापरवाही से बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है।

​जांच और कार्रवाई की मांग
वायरल वीडियो ने स्कूल प्रबंधन की पोल खोलकर रख दी है। अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी और जिला प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं। क्या उन शिक्षकों पर कोई कार्रवाई होगी, जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं या फिर यह मामला भी जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

शिक्षक से माँगा गया है स्पस्टीकरण- BEO
इस पूरे मामले को लेकर पत्थलगांव बीईओ वेदानंद आर्य ने कहा कि, नोनिहालों की वीडियो शोसल मीडिया में वायरल को आधार मानकर संबंधित शिक्षक को नोटिस जारी कर स्पस्टीकरण मांगा गया हैं. उनके प्रस्तुत जवाब के आधार पर उच्चअधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्यवाही की जायेगी।

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