जंगल में बिखरे पड़े मिले कीटनाशक: वन और वन्यजीवों के लिए बड़ा खतरा, प्रशासनिक एक्शन की जरूरत

जंगल में बिखरे पड़े मिले कीटनाशक : वन और वन्यजीवों के लिए बड़ा खतरा, प्रशासनिक एक्शन की जरूरत
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कीटनाशक

कोरिया जिले के सोनहत वन परिक्षेत्र के जंगल के बीचों -बीच बड़ी मात्रा में कृषि उपयोग की कीटनाशक और उर्वरक शक्ति बढ़ाने वाली दवाइयां फेंकी गई हैं।

कमालुद्दीन अंसारी - कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के सोनहत वन परिक्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जंगल के बीचों -बीच बड़ी मात्रा में कृषि उपयोग की कीटनाशक और उर्वरक शक्ति बढ़ाने वाली दवाइयां फेंकी गई हैं।

स्थानीय ग्रामीणों ने जब इस बात की जानकारी हरिभूमि टीम को दी, तो खबर की पुष्टि के लिए हरिभूमि की टीम मौके पर पहुँची। जंगल में पहुँचने पर देखा गया कि, किसी अज्ञात व्यक्ति ने गड्ढा खोदकर दवाइयों को डिस्पोज़ करने की कोशिश की गई थी। कई दवाइयां अभी भी गड्ढे के बाहर पड़ी मिलीं जिनमें से कुछ के पैकेट पर साल 2026 की एक्सपायरी डेट दर्ज है।

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
वहीं जंगल में इस तरह ज़हरीली रासायनिक दवाओं का फेंका जाना वन्यजीवों के जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

वन विभाग की लापरवाही, बारनवापारा में विचरण कर रहा हाथियों का दल
इधर, बलौदा बाजार जिले के बारनवापारा वन क्षेत्र के देवगढ़ घाट इलाके में इन दिनों हाथियों का एक बड़ा दल विचरण कर रहा है। यह इलाका पहले से ही हाथी विचरण क्षेत्र घोषित है, लेकिन बावजूद इसके वन विभाग की अनदेखी ने खतरे की स्थिति पैदा कर दी है।

लोग भूल रहे खतरा, बना रहे वीडियो
स्थानीय ग्रामीणों और राहगीरों के अनुसार, हाथी कई बार मुख्य सड़क तक आ जा रहे हैं, जिसके बाद लोग रुक-रुककर फोटो और वीडियो बनाने लगते हैं कुछ लोग तो हाथियों के बेहद करीब जाकर मोबाइल से शूट कर रहे हैं, जो न केवल उनकी जान जोखिम में डाल रहा है, बल्कि हाथियों को भी भड़काने वाला व्यवहार है।

विशेषज्ञों की चेतावनी
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि जब हाथियों के साथ शावक मौजूद होते हैं, तो वे अत्यंत आक्रामक हो जाते हैं, ज़रा सी हलचल पर वे हमला कर सकते हैं। विशेषज्ञों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि ऐसे हालात में लोगों को हाथियों से दूरी बनाकर रखना चाहिए और क्षेत्र में प्रवेश से बचना चाहिए।

बैरियर खोले जाने से बढ़ा खतरा
स्थानीय लोगों ने बताया कि देवपुर घाट क्षेत्र में दो-दो सुरक्षा बैरियर लगाए गए थे, लेकिन अब उन्हें खोल दिया गया है, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। यह मार्ग संकरा और जोखिम भरा है, जहाँ वाहनों के लिए मुड़ने तक की जगह नहीं रहती।

मार्ग को अस्थायी रूप से बंद करने की मांग
वन प्रेमियों और ग्रामीणों ने मांग की है कि विभाग तत्काल इस मार्ग को अस्थायी रूप से बंद करे, क्षेत्र में कड़ी गश्त बढ़ाए और लोगों को जागरूक करने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाए। लोगों का कहना है कि विभाग की लापरवाही से न केवल जनता की जान खतरे में है, बल्कि हाथियों की सुरक्षा भी प्रभावित हो रही है।

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